नए वर्ष का प्रारंभ कैसे एक नयी उमंग और नए जोश से करें-
नए वर्ष के आने की प्रसन्नता को मनाने के बाद समय आता है, उस नए वर्ष के पहले दिन में किये गए उन सभी संकल्पों पर काम करने का जिन्हें हम करना है।अगर आप अपने इस साल की सुन्दर शुरुआत करना चाहते हैं तो अपने-आप को बदलने, अपनी ज़िन्दगी को और सुन्दर बनाने और अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं को महत्व देने के बारें में अवश्य सोचें | इसके लिए एक स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं और अपने साथ अपने आस-पास के लोगों की ज़िन्दगी में खुशियां लाने की कोशिश करें | मनुष्य की ज़िन्दगी में एक सार्थक कार्यक्रम होना जरुरी है ताकि हर काम को उसकी अहमियत मिलें इसके साथ-साथ ज़िन्दगी में सकारात्मक रहना भी बहुत जरूरी है | ऐसा करने से आपकी जीवन में तो खुशियां आएँगी ही, साथ में आपके आस-पास के लोग भी इस आनन्द का अनुभव कर सकेंगे | आपके छोटे-छोटे कदम आपके अलावा किसी और की ज़िन्दगी में एक बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं | आप जीवन के लिए क्या दृष्टिकोण रखते हैं ये पूरी तरह आप पर निर्भर करता है, लेकिन नए साल की आरम्भ एक नयी सोच, नयी उमंग और ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए करें | अच्छा महसूस करें अच्छा होगा !
यदि सचमुच नये साल को सार्थक करना है, तो जरूरी है कि कुछ तो ऐसे नए की शुरूआत करें कि पूरा साल अपने पिछले साल की तुलना में नया बनकर हमारे जीवन में कुछ नया जोड़े अन्यथा तो यह भी साल, जो अभी तक नया नजर आ रहा है, कुछ समय बाद पुराना पड़कर पिछले जैसा ही हो जाएगा। क्या आपको नहीं लगता अब तक हम अपनी जिन्दगी को कुछ इसी तरह आगे बढ़ा रहे थे?
वस्तुतः नये वर्ष के स्वागत का अर्थ है – एक नई चेतना, एक नया भाव, एक नया संकल्प, कुछ ऐसा नया करने की प्रतिज्ञा, जो अब तक नहीं किया और कुछ ऐसा छोड़ने का भाव कि जिसके साथ चलना मुश्किल हो गया है। ऐसा करके ही हम नए वर्ष का सच्चे अर्थों में स्वागत कर सकते हैं।
सच तो यही है कि नया वर्ष, नया संकल्प लेने का एक अवसर होता है, एक ऐसा संकल्प, जिसे हम लगातार साल भर तक निभाते रहें और जब किसी संकल्प को लगातार साल भर तक निभाया जाता है, तो वही हमारी आदत बन जाती है। यही आदत हममें कुछ इस तरह घुल-मिल जाती है कि वही हमारा व्यक्तित्व बन जाता है। इसलिए जरूरी है कि हम इस अवसर पर कोई एक या अनेक संकल्प लें। चाहे वह संकल्प कितना भी छोटा क्यों न हो।
यह संकल्प बहुत विचारपूर्वक और पूरे स्थिर मन से लिया जाना चाहिए और यदि एक बार ले लिया गया है, तो उसे किसी भी कीमत पर पूरा किया ही जाना चाहिए। इस तरह के संकल्प कई प्रकार के हो सकते हैं, जैस –
मैं प्रतिदिन सुबह जल्दी उठूँगा।
मैं दिन का प्रारम्भ ईश्वर वंदना के साथ करूंगा।
मैं प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट स्वस्थ्य पर दूँगा।
मैं प्राणीमात्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहूँगा।
मैं किसी भी काम को टालूँगा नहीं, बल्कि तुरन्त कर डालूँगा।
मैं लोगों के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व दूँगा।
मैं प्रतिदिन कम से कम चार घण्टे पढूँगा ही। आदि-आदि।
हम सभी अनेक प्रकार की कमजोरियों से भरे हुए होते हैं। यह दावा करना बिल्कुल गलत होगा कि ‘मेरे अन्दर कोई अवगुण नहीं है। ‘ मुझे लगता है कि नये वर्ष में हमें अपने संकल्पों में एक संकल्प यह भी जोड़ लेना चाहिए कि ‘मैं अपने किसी एक अवगुण विशेष की समाप्त करूँगा।‘ इस तरह के कुछ संकल्प निम्न हो सकते हैं –
मैं अपने क्रोध को नियंत्रित करूँगा।
मैं आलस्य से मुक्त होऊँगा।
मुझे अपने अन्दर के ईर्ष्या के भाव को समाप्त करना है।
मैं अपनी बुराइयों को नष्ट करूँगा, जैसे – सिगरेट पीना, तम्बाकू खाना, शराब पीना,मोबाइल पर अधिक समय देना आदि-आदि।
इस प्रकार सकारात्मक और नकारात्मक संकल्प आपके व्यक्तित्व को दो तरफा विकसित करने का काम करेंगे। पहला तो यह कि वे उसमें कुछ अच्छी आदतों को जोड़कर उसे चमकदार बनाएँगे। दूसरा यह कि वे उसके धब्बेदार तत्वों को हटाकर अपने व्यक्तित्व को नई आभा प्रदान करेंगे।
एक स्वस्थ्य दिनचर्या का पालन करें: स्वास्थ्य से ही भौतिक और आध्यात्मिक जीवन का लाभ उठाया जा सकता है।अपने स्वास्थ्य के बारें में सोचें और उससे सम्बंधित नियम बनाएं जिसमे अपने सभी लक्ष्यों के बारें में सोचें और उन्हें पाने के लिए तन-मन-धन से भरपूर प्रयास करें | बिस्तर को छोड़ने के साथ ही ईश्वर और अपने पूर्वजों को धन्यवाद ज्ञापित करें। फिर अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दैनिक क्रिया को करने के बाद स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्य को प्रथमिकता दे। सबसे पहले एक लक्ष्य बनाए । उदहारण के लिए आपको कुछ महीनों बाद 10 किलोमीटर दौड़ने का लक्ष्य अपने सामने रखना है तो सबसे पहले 5 मिनट रस्सी कूदने से आरंभ करें और समय को बढ़ाते जाए साथ ही छोटी दूरियों को तेज चाल के साथ तय करे, चढ़ने के लिए लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें और आप स्कूल, कालेज या ऑफिस आते-जाते समय प्रत्येक दिन 20 से 30 मिनट पैदल तेज चाल चले करें ताकि आप अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकें। आप बहुत ही साधारण और सरल लक्ष्यों के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ें | इस नियम का यदि आप पालन करते है तो आप इस क्षेत्र में नए है या पुराने कोई फर्क नहीं पड़ता।
हाँ इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि एक ही दिन में पूरे हफ्ते/ महीने या साल की कसरत करने का प्रयास कदापि न करें |
अगर आप स्वस्थ्य शरीर के प्रेमी है तो अपने समक्ष ऐसे लक्ष्य रखें जो आपको सदैव प्रेरणा देते रहें जैसे डिप्स को बढ़ाना, क्रंच बढ़ाना, बाइसेप तथा ट्राइसेप तथा कमर की चर्बी को कम करना और फिर वर्ष के अंत तक हठ योग की कुछ कठिन क्रियाओं का दिनचर्या में शामिल होना ।
अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन लाना:-
अपनी ज़िन्दगी में सेवा, प्रेम, प्रसन्नता, सहृदयता के लिए सबका कृतज्ञता व्यक्त करें: जब आप उन लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जिन्होंने किसी न किसी रूप में आपकी सहायता की हो तो आप मन और मस्तिष्क से अच्छा महसूस करते हैं और आपका ज़िन्दगी को देखने की दृष्टि बदल जाती है | हर चीज़ सुंदर दिखने लगने लगती है | साथ ही साथ जिसने आपकी सहायता या सेवा की है, वो व्यक्ति भी आपकी कृतज्ञता के फलस्वरूप आपके निकट आता है।आप अपने अंदर भी सेवाभाव पैदा करे क्योंकि सेवा मोलभाव की मंडी नहीं, परमार्थ की पगडंडी है। निस्वार्थ सेवा दरअसल मानवता की पहचान है। प्रतिदिन जगने के साथ और सोने के पूर्व ईश्वर और माता-पिता और गुरु का आभार प्रकट करे।
अपने हर दिन के लिए एक सकारात्क बात सोचें: सकारात्मक बात वह हो सकती है जो हमको हर पल जीने की सही दिशा और दशा प्रदान करती हैं और जब आप या हम एक सकारात्मक सोच के साथ दिन की प्रारंभ करते हैं तो सकारात्मक सोच हमारे आत्मसम्मान को बढ़ावा देने के साथ कुछ अच्छा करने का साहस देता है | तो कुछ इस तरह ही हो नए वर्ष का प्रारंभ ! हर दिन एक नए विचार के साथ शुरू करें जैसे "मैं एक योग्य व्यक्ति हूँ" या "मुझमें चुनौतियों का सामना करने की साहस हैं" "ये कार्य मुझसे जरूर होगा" ऐसी सकारात्क सोच को हमेशा अपने दिमाग में रखें और किसी भी चुनौती के सामने नतमस्तक होने की बजाय उसका डट कर सामना करें |
ध्यान रहें हर दिन चुनी गयी सकारात्मक विचार आपकी ज़िन्दगी और परिस्थितिओं के हिसाब से होनी चाहिए जैसे अगर आपका कोई दोस्त मुसीबत में है या फिर उसे आपकी मदद की जरुरत है तो सोचें "मैं एक सच्चा और अच्छा दोस्त हूँ |"
जब भी हो सके, नेक और अच्छे काम करें: नेक या अच्छे काम वो होतें हैं जो किसी की ज़िन्दगी में छोटी या बड़ी ख़ुशी ला सके या फिर उनकी मदद हो सके और ये काम ये सोचकर कभी न करें कि बदले में आपका क्या फायदा होगा बल्कि बिना स्वार्थी हुए बस दूसरे के जीवन में उजाला करते रहें | नए साल को एक इस पुनीत भावना से शुरू करें क्योंकि किसी के दुःख को दूर करने में जो सुख है वह किसी और चीज़ में नहीं |
आप किसी को दिल से सच्ची प्रशंसा दे सकते हैं, दान-पुण्य कर सकते हैं या फिर किसी अनजान को देखकर मुस्कुराने से भी दिल को अच्छा महसूस होता है | इसे व्यवहार में लाये।
भूखे कुत्ते को बिस्कुट खिलाना, गिलहरियों को मूंगफली खिलाना,कबूतर और गौरैयों को दाना देना,भूखे व्यक्ति को खाना खिलाना , गरीब छात्रों को फीस तथा पुस्तक उपलब्ध कराना जैसे अच्छे काम भी मन और मस्तिष्क को शांति प्रदान करते हैं |
हौसले बुलंद रखें :-
' खुदी को कर बुलंद इतना, कि हर तकदीर से पहले
खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है'
किसी क्षेत्र में विजय पाने के लिए मजबूत उत्साह की जरूरत है। यह उत्साह आपको अपने अंदर पैदा करने होंगे तभी तो आप दूसरों की उत्साहवर्द्धन भी कर सकेंगे और जिंदगी के कड़े मुकामों को आसानी से पार कर सकेंगे।
चुनौतियों को स्वीकार करें :-
' मुश्किलें दिल के इरादें आजमाती हैं, स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती हैं,
हौसला मत हार गिरकर ओ मुसाफिर, ठोकरें इंसान को चलना सिखाती हैं।'
जीवन में कोई भी कार्य करते हुए अगर हमारा लक्ष्य सकारात्मक और निःस्वार्थ है तो आगे बढ़ने के लिए मार्ग यूं ही आसान हो जाता है। कड़ी चुनौतियां भी फिर कुछ भी बिगाड़ नहीं सकतीं।
खुशियां देने का नियम बनाइए :-जिंदगी बहुत खूबसूरत है, मगर इसे दूसरों की जिंदगी में भी मिठास घोलते हुए बिताया जाए तो इसके मायने ही बदल जाते हैं। खुशियां देने से बढ़ती हैं, इसलिए देने का नियम बनाइए।
छोटी-छोटी खुशियों को सहेजें :-कई बार हम बड़ी खुशियों की चाह में जीवन में आने वाली छोटी-छोटी खुशियों को नजरअंदाज कर देते हैं। मगर कभी इन छोटी-छोटी खुशियों को सहेजकर देखिए आप पाएंगे कि बड़ी खुशियां स्वतः ही आपके पास चली आएंगी।
परिवार से जुड़ें रहें :- ' रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ों चटकाए, टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाए'
आज की भागमभाग भरी जिंदगी में लोग लगातार परिवार से दूर होते जा रहे हैं। अगर समय मिलता भी है तो वह गिले-शिकवे में ही निकाल देते हैं। मगर यह नहीं जानते कि रिश्ते प्रेम की डोर होते हैं जिनमें गांठ पड़ने पर खुलना मुश्किल हो जाता है।
संभालकर बोलिए :- शब्द संभालकर बोलिए,
" शब्द के हाथ न पांव रे, एक शब्द औषधि करे, एक करे है घाव रे"
शब्दों के बिना अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती। मगर इन शब्दों को कहने का तरीका भी समझना होगा, हर एक से मीठा बोलें क्योंकि गलत बोलने में तो समय नहीं लगता पर यह किसी को कितनी तकलीफ दे सकते हैं, उस पर विचार जरूरी है।
अपने आस-पास के वातावरण में सुधार लाएं:- अपने आस-पास की जगह और अपने घर को साफ़ रखें: हो सके तो नए साल के आने से पहले ही अपनी किताबें, कमरे आदि को साफ़-सुथरा करने की कोशिश करें | जब घर साफ़ होता है तो मन भी साफ़ रहता है | ऐसा सामान जो आप उपयोग नहीं करते उसे किसी जरूरतमंद को दें या खराब सामान को फेंक दें, कूड़े-कचरे को बाहर फेकें और सामान को सेट करें ताकि घर साफ़ और सुन्दर लगे | ऐसा करने से आप नए साल में साफ़-सुथरे तरीके से कदम रखें |
अपने वाहनों को भी साफ़ करने की कोशिश करें: साफ़-साफ़ शब्दों में कहा जाएँ तो अपने से जुडी हर चीज़ का ध्यान रखें और उसे साफ़ रखें क्योंकि फालतू का सामान फालतू सोच लाता है | घर में जरुरत से ज्यादा सामान रखने से मन हल्का महसूस नहीं करता | और सभी दराजों की सफाई पर थोड़ा वक़्त लगाएं |
फर्स्ट-एड किट- घर के अंदर एक फर्स्ट-एड-किट जरूर रखें। इसमें बुखार,दर्द,उल्टी, दस्त, पेट दर्द,ऐंटी एलर्जी के साथ पट्टी,रुई,पेपर टेप,सेवलान, बरनाल क्रीम आदि जरूर रखें।
टूल बॉक्स- घर के अंदर छोटे-मोटे कामों के लिए एक टूलबॉक्स जरूर रखें, जिसमें जिसमें टेस्टर, प्लास, पेंचकस,कुछ रिंच तथा टेप हो।
ज़िन्दगी के लक्ष्यों को निर्धारित करें
हर महीने किसी एक नयी चीज़ को करने का लक्ष्य रखें: अपने से जुड़े लक्ष्यों के अलावा हर महीने किसी ऐसे लक्ष्य को पाने की कोशिश करें जो आपके सुविधा क्षेत्र से बाहर हो | आप हर महीने किसी नयी चीज़ को करने का लक्ष्य रख सकते हैं या फिर कुछ चीज़ों को पाने का लक्ष्य बना सकते हैं और धीरे-धीरे उन्हें पाने की भरसक कोशिश कर सकते हैं | कुछ ऐसा करने की सोचें जो आपने पहले कभी न किया हो या आपके लिए बिल्कुल नया हो | ऐसा करने से आप ज़िन्दगी में आगे बढ़ते हैं और सफलता को पा सकते हैं |
किसी नयी चीज़ को प्रयास करना बिल्कुल वैसा ही है जैसे आप खाने की किसी चीज़ को पहली बार खाने का प्रयास करते हैं |
आप किसी सक्रिय गतिविधियों का प्रयास कर सकते हैं जैसे नयी लैंग्वेज को सीखना, मैडिटेशन क्लास ज्वाइन करना या फिर पहाड़ी यात्रा पर जाना |
4 से 6 चीज़ों की एक लिस्ट बनाएं जो आप इस नए साल में करना चाहते हैं: साल के शुरुआत में ही एक नोटबुक लेकर उन सभी चीज़ों की सूची बनाएं जो आप पूरे साल में करना चाहते हैं | कुछ आसान और साधारण लक्ष्य अपने सामने रखें जैसे ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां खाना या वजन कम करना | धीरे-धीरे अपनी उस लिस्ट में छोटे-छोटे लक्ष्य जोड़ते रहें और जैसे-जैसे आप लक्ष्यों को पाते जाएँ अपनी सूची में से इन्हे टिक करते जाएँ | जब आप अपने लक्ष्यों को लिखते हैं तो वह आपके सामने हमेशा रहता हैं और आपको इनकी याद दिलाता रहता है |
इस सूची की सहायता से आपको हर महीने नयी चीज़ें प्रयास करने के बहुत से विचार मिल सकते हैं |
आप अपनी इच्छासूची में ये सभी विचार लिख सकते हैं - जैसे-खाना पकाना सीखना,शरीर बनाना सीखना, तैराकी सीखना, टाईपिंग सीखना, कोडिंग सीखना आदि।
अपनी सोने की आदत पर भी ध्यान दें: नए साल के आने पर, ये ध्यान भी रखना जरूरी है कि आप रोजाना पूरी नींद लें और इसे एक लक्ष्य के रूप में ही देखें क्योंकि जब इंसान की नींद अधूरी रहती है तो वह पूरी तरह से अपना ध्यान काम में नहीं लगा सकता और स्वास्थय पर भी बुरा असर पड़ता है | कोशिश करें उसी रोजाना एक ही वक़्त पर सोएं और एक ही वक़्त पर उठें ताकि एक आदत बन सके |
संकल्प से सम्बन्धित दिनचर्या का पालन अवश्य करें: अपनी दिनचर्या का एक प्रिंटआउट अपने बेडरूम में जरूर रखें सुबह उठने के बाद उसे देखें और संकल्प की पुनरावृति करें यदि आपको कवि बनना है तो एक निश्चित समय पर संकल्प के अनुसार कागज और कलम लेकर बैठ जाएं और कोई भी शीर्षक लेकर कविता करें यदि आपको लेखक बनना है तो आप संकल्प के अनुसार निश्चित समय पर कागज कलम लेकर बैठे और विषय से संबंधित लेखन कार्य प्रारंभ करें संकल्प की समय सारणी का कठोरता पूर्वक पालन करें एक बार लक्ष्य को निर्धारित करने के उपरांत उसे प्राप्त करने के लिए सतत तथा नियमबद्ध तरीके से आगे बढ़ते रहे।
नए साल की शुरुआत करें कुछ नए, आसान और चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों से: बीतें साल में क्या हुआ इस पर गौर करें | सोचें कि आज आप कहाँ है, आपने क्या पाया और किस लक्ष्य को पाने में सफल नहीं हो पाएं | इसी बात का ध्यान रख अपने नए साल के लक्ष्यों को चुनें |
एक योजना बनाएं | एक समय सीमा के हिसाब से काम करें और देखें कि इस नए साल में आप क्या पाना चाहते हैं | ऐसे लक्ष्य सोचें जो मुमकिन हो और बिल्कुल साफ़ और सच्चे दिल से उन्हें पाने के लिए तैयारी करें |
सहयोग या सहायता लेने में कोई बुराई नहीं | एक बार अपने लक्ष्य सोचने के बाद अगर आपको उन्हें पाने में किसी की सहायता चाहिए तो झिझकने से बात नहीं बनेगी | किसी से सहायता मांगने से डरे नहीं | क्या पता किसी की थोड़ी सी सहायता आपको किसी बड़े लक्ष्य को पाने में मदद कर दे | जब आप अपनी ज़िन्दगी में बदलाव लाते हैं तो सहायता और जवाबदेही बहुत काम आती हैं |
सलाह
अपने किसी मित्र के साथ मिलकर इनमे से कोई लक्ष्य पूरा करें क्योंकि किसी के साथ से उबाऊ से उबाऊ काम भी मजेदार बन जाता है |
प्रमोद कुमार सिंह(प्रवक्ता)
श्री शिवदान सिंह इण्टर कॉलेज
इगलास, अलीगढ़