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दिन की शुरुआत मस्तिष्क की कसरत से

दिमाग़ी कसरत आपका सुबह का अखबार शुरू करने के लिए एक शानदार जगह है। सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के जेरियाट्रिक मेडिसिन के एमडी और एमडी जॉन ई। मॉर्ले कहते हैं, "सुडोकू और वर्ड गेम्स जैसे सरल गेम अच्छे हैं, साथ ही कॉमिक स्ट्रिप्स भी हैं, जहां आपको ऐसी चीजें मिलती हैं, जो एक तस्वीर से दूसरी तस्वीर से अलग हैं।" द साइंस ऑफ स्टेइंग यंग के लेखक। शब्द खेलों के अलावा, डॉ। मॉर्ले आपके मानसिक कौशल को तेज करने के लिए निम्नलिखित अभ्यासों की सिफारिश करते हैं:

अपने याद को परखें। एक सूची बनाएं - किराने की वस्तुओं, करने के लिए चीजें, या कुछ और जो मन में आता है - और इसे याद रखें। एक या एक घंटे बाद, देखें कि आप कितने आइटमों को वापस बुला सकते हैं। सबसे बड़ी मानसिक उत्तेजना के लिए यथासंभव चुनौतीपूर्ण सूची में आइटम बनाएं।
चलो गाना बजाओ। एक संगीत वाद्ययंत्र बजाना या गाना बजानेवालों में शामिल होना सीखें। अध्ययनों से पता चलता है कि लंबी अवधि में कुछ नया और जटिल सीखना उम्रदराज दिमाग के लिए आदर्श है।
अपने सिर में गणित करो। पेंसिल, कागज, या कंप्यूटर की सहायता के बिना समस्याओं का पता लगाना; आप इसे और अधिक कठिन बना सकते हैं - और एथलेटिक - एक ही समय में चलने से।
कुकिंग क्लास लें। जानें कि कैसे एक नया खाना बनाना है। खाना पकाने में कई इंद्रियों का उपयोग होता है: गंध, स्पर्श, दृष्टि और स्वाद , जो सभी मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों को शामिल करते हैं।
एक विदेशी भाषा सीखो। इसमें शामिल सुनने और सुनने से मस्तिष्क उत्तेजित होता है। क्या अधिक है, एक समृद्ध शब्दावली को संज्ञानात्मक गिरावट के लिए कम जोखिम से जोड़ा गया है ।
शब्द चित्र बनाएँ। अपने सिर में एक शब्द की वर्तनी की कल्पना करें, फिर उन दो अक्षरों के साथ शुरू होने वाले (या अंत) किसी भी अन्य शब्द को आज़माएं और सोचें।
स्मृति से एक नक्शा खींचें। एक नए स्थान पर जाने से घर लौटने के बाद, क्षेत्र का नक्शा खींचने का प्रयास करें; हर बार जब आप किसी नए स्थान पर जाते हैं तो इस अभ्यास को दोहराएं।
चुनौती अपने स्वाद कलियों। भोजन करते समय, सूक्ष्म जड़ी बूटियों और मसालों सहित अपने भोजन में व्यक्तिगत सामग्रियों की पहचान करने का प्रयास करें।
अपनी हाथ की आंखों की क्षमताओं को निखारें। एक नया शौक लें, जिसमें ठीक मोटर कौशल शामिल हो, जैसे बुनाई, ड्राइंग, पेंटिंग, एक पहेली को इकट्ठा करना, आदि।
एक नया खेल सीखें। एक एथलेटिक व्यायाम करना शुरू करें, जो मन और शरीर दोनों का उपयोग करता है , जैसे कि योग, गोल्फ, या टेनिस।
जल्द ही लोगों को एहसास होगा कि वे अपने दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए कदम उठा सकते हैं, जैसा कि वे जानते हैं कि वे कुछ कार्यों को करने से दिल की बीमारी को रोक सकते हैं, ऐसा जेंडर कहता है। "आने वाले दशक में, मैं मस्तिष्क के स्वस्थ होने का अनुमान लगाता हूँ कि यह हृदय स्वास्थ्य के साथ ठीक है - अब इसका प्रमाण है कि मस्तिष्क-स्वस्थ जीवन शैली काम करती है!"

इस रिपोर्ट में सारा मैकनाटन ने भी योगदान दिया।

तथ्य याद रखने का सही तरीका


तथ्य याद रखने का सही तरीका क्या है?

अगर मैं आपसे कहूं कि बैठें और फ़ोन नंबरों की एक सूची याद करें, या कुछ तथ्य याद करें, तो आप ये काम किस तरह करेंगे?

इस बात की ख़ासी संभावना है कि आप ग़लत तरीक़ा अपनाएंगे क्योंकि ज़्यादातर लोग वही करते हैं.

मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि लोग नहीं जानते कि दिमाग का सबसे बेहतर इस्तेमाल किस तरह से किया जा सकता है, यानी 'सीखने' या 'याद' करने का असल तरीका क्या होना चाहिए?


हैरानी की बात यह है कि हम इस बारे में बहुत कम सोचते हैं.

शोधकर्ता जेफ़्री कार्पिक और हेनरी रॉडिगर बताते हैं कि ख़ुद को बार-बार टेस्ट करना, तथ्यों को याद रखने के साथ हमारी स्मरण शक्ति को मज़बूत कर सकता है.

उन्होंने अपने प्रयोग में कॉलेज के छात्रों से स्वाहिली भाषा और उसके अंग्रेज़ी के मतलब को सीखने को कहा.


स्वाहिली का शब्द देने का मतलब ये था कि इसे सीखने वाले अपनी पुरानी जानकारी से मदद न ले पाएँ.

याद करने के दो अलग तरीके

सभी शब्दों को सीखने के एक हफ्ते बाद परीक्षा ली गई.

आम तौर पर आप और हम क्या करते? पहले शब्दों की सूची बनाते, फिर उन्हें दोहराते और जो शब्द याद न होते उन्हें फिर दोहराते.

इससे होता यह है कि हमें जो शब्द याद हो जाते हैं उन्हें हम सूची से बाहर निकाल देते हैं और अपना ध्यान उन्हीं शब्दों पर केंद्रित करते हैं जो अभी तक सीखे नहीं जा सके हैं.

यह तरीक़ा याद करने के लिए सबसे अच्छा लगता है, और यही सही तरीका माना जाता रहा है. लेकिन अगर चीज़ों को सही तरीक़े से याद रखना है तो यह बेहद ग़लत तरीका है.

कार्पिक और रॉडिगर ने छात्रों से परीक्षा की तैयारी अलग-अलग तरीके से करने को कहा. उदाहरण के लिए, छात्रों का एक ग्रुप सभी शब्दों को लगातार दोहराता और जांचता रहा, जबकि दूसरा ग्रुप सही शब्दों को छोड़, बाक़ी शब्दों पर ध्यान केंद्रित करता रहा.

चौंकाने वाले नतीजे
इन ग्रुपों की अंतिम परीक्षा के परिणाम चौंकाने वाले थे. परीक्षण के दौरान जो लोग सिर्फ़ छूटे हुए या याद न रहे वाले शब्द याद कर रहे थे, उन्हें सिर्फ़ 35 प्रतिशत शब्द याद थे.


जबकि पूरी सूची के शब्दों को बार-बार दोहरा कर याद करने वाले लोगों को 80 प्रतिशत तक शब्द याद थे.

इससे साफ़ है कि सीखने का सबसे अच्छा तरीक़ा सभी तथ्यों को बार-बार याद करना या दोहराना है.

ज़्यादातर स्टडी गाइड में बताया जाता है कि उन तथ्यों को दोहराने से बचना चाहिए जो आपके स्मरण में हैं. यह सलाह एकदम ग़लत है.

आपको अंतिम परीक्षा के समय तक यदि तथ्यों को याद रखना है तो आपको सभी सीखे तथ्यों को दोहराते रहना चाहिए.

कैसे पढ़ें ताकि ज्यादा याद रहे, जानिए कारगर टिप्‍स

एक बार बैठकर ढेर सारा रट लेने से आपको तात्कालिक लाभ हो सकता है लेकिन यदि लंबे समय तक कुछ याद रखना है, तो यह तरीका काम नहीं आएगा। इसके लिए आपको अलग रणनीति अपनानी होगी।

पढ़ना मतलब परीक्षा की तैयारी करना और परीक्षा की तैयारी करना मतलब याद करना"। कुल मिलाकर यही है हमारे एजुकेशन सिस्टम का निचोड़। जो बेहतर याद रख पाते हैं, वे परीक्षाओं में बेहतर अंक पा जाते हैं और आगे अपने मनपसंद कोर्स में प्रवेश भी पा लेते हैं। ऐसे में यह एक बहुत बड़ा सवाल बन जाता है कि पढ़ने का वह कौन-सा तरीका है, जिससे आप कोर्स मटेरियल बेहतर तरीके से याद कर सकते हैं।

समझ‍िए एनडीए और एनए का एग्‍जाम पैटर्न

दरअसल यह व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करता है। कुछ लोगों में यह जन्मजात क्षमता होती है कि वे झटपट कुछ पढ़कर याद कर लेते हैं। आपमें से कई ऐसे होंगे जो बड़े फख्र से कहते हैं कि मैंने तो पेपर से एक दिन पहले जमकर पढ़ाई की और अगले दिन पेपर शानदार गया। चलिए, मान लिया कि कल का पढ़ा आज आपको बहुत अच्छी तरह याद रहा लेकिन क्या कुछ महीनों या सालों बाद भी वह आपको याद रहेगा? आखिर करियर बनाने के लिए केवल एक परीक्षा पास कर लेना ही काफी नहीं है। कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जो आपको लंबे समय

तक याद रखनी ही होती हैं। परीक्षा निपट जाने के बाद भी। विषय के ये बेसिक्स कल याद कर आज परीक्षा में लिखकर कल फिर भूल जाने से काम नहीं चलेगा।

दिमाग बनाम सूटकेस

वैज्ञानिक भी मानते हैं कि रटकर आप परीक्षा में अच्छे अंक तो ला सकते हैं लेकिन इस प्रकार झटपट रटना वैसा ही है, जैसे कि आप किसी सस्ते सूटकेस में जल्दबाजी में ठूंस-ठूंसकर सामान भरते हैं। कुछ समय के लिए तो सूटकेस वह सामान ढो लेगा लेकिन फिर अचानक वह खुलकर सारा सामान बाहर फेंक देगा। इसी तरह हमारा दिमाग कुछ समय तक तो रटा हुआ (या कहें ठूंसा हुआ) याद रख लेता है लेकिन फिर किसी दिन दिमाग में ठूंसी वह सारी जानकारी बाहर फिंक जाती है और दिमाग कोरा हो जाता है। फिर जब आपको वह चीज याद करनी हो,

तो भला वह याद आएगी कैसे? वह तो अब दिमाग में रही ही नहीं! इसके विपरीत, यदि हम सूटकेस में शांति से, धीरे-धीरे, जमा-जमाकर सामान रखें, तो वह बेहतर ढंग से और लंबे समय तक जमा रहेगा।

इसी तरह दिमाग में भी अगर हम धीरे-धीरे, व्यवस्थित ढंग से जानकारी भरते जाएंगे, तो वह कहीं अध‍िक समय

तक दिमाग में सुरक्षित रहेगी। यानी एक बार बैठकर ढेर सारा पढ़ने के बजाए एक घंटा आज, एक घंटा संडे को, फिर एकाध घंटा अगले सप्ताह पढ़ें। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह गैप दे-देकर पढ़ने से यह फायदा

होता है कि बाद में जब आप पढ़ा हुआ याद करने की कोशिश करते हैं, तो वह आपको बेहतर याद आता है। याद रखने का यह तरीका इतना कारगर है कि इसे अपनाने पर आपको परीक्षा के समय ज्यादा मेहनत नहीं
करनी पड़ेगी।

कारगर हैं प्रैक्टिस टेस्ट

एक बार बैठकर थोक में रट डालने के बजाए क्रमिक रूप से पढ़ने की इसी विध‍ि का एक रूप है प्रैक्टिस टेस्ट देना। वैज्ञानिकों ने पाया है कि प्रैक्टिस टेस्ट देते रहने से दिमाग में सूचनाएं एक अलग तरीके से स्टोर हो जाती हैं, जो लंबे समय तक बनी रहती हैं। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक डॉ हेनरी रोडिगर ने एक प्रयोग

किया। उन्होंने कॉलेज के कुछ विद्यार्थियों को रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन टेस्ट के लिए साइंस के पैसेज पढ़ने को दिए। विद्यार्थियों को इन्हें संक्षिप्त समय में पढ़ डालना था। जब विद्यार्थियों ने लगातार दो सेशन में एक ही पैसेज दो बार पढ़ा और इसके तुरंत बाद टेस्ट दी, तो उन्हें बेहतरीन अंक प्राप्त हुए। मगर फिर वे उस जानकारी को भूलने लगे।

दूसरी तरफ जब विद्यार्थियों ने एक सेशन में पैसेज पढ़ा और दूसरे सेशन में प्रैक्टिस टेस्ट दी, तो फिर उन्होंने दो दिन बाद और फिर एक सप्ताह बाद हुई टेस्ट में भी बढ़िया परफॉर्म किया। यानी एक बार पढ़कर प्रैक्टिस टेस्ट देने से उन्हें वह जानकारी बेहतर ढंग से याद रही।

याद करना मुश्किल, तो भूलना भी

स्टडी मटेरियल याद करने के मामले में एक बात गौरतलब है कि जिसे याद करने में ज्यादा मेहनत लगती है, उसे भुलाना भी उतना ही मुश्किल होता है। इसलिए जब भी आप पढ़ने बैठें और उसे याद करने में मुश्किल पेश आए, तो घबराएं नहीं। यह तो इस बात की निशानी है कि यह मटेरियल आपको लंबे समय तक याद रहने वाला है।







दीर्घकालिक सोच: सफलता की कुंजज

दीर्घकालिक सोच: सफलता की कुंजी  अध्ययनों से पता चला है कि सफलता का सबसे अच्छा पूर्वानुमानकर्ता “दीर्घकालिक सोच” (Long-Term Thinking) है। जो ...