उर्दू-हिंदी शब्दकोश

अक़्ल= बुद्धि, तर्क, ज्ञान
अकबर= सबसे महान
अकसर= अधिकतर, आमतौर पर, बहुत, बार बार
अख्ज़= पकड़नेवाला, लेनेवाला, छीनने वाला, लोभी
अख़बार= समाचार, समाचारपत्र
अगर= यदि, तथापि
अग्य्ा़ार= अजनबी, प्रतिद्वन्दी (गै़र का बहुवचन)
अगल़ात= अशुद्धियां (गल़त का बहुवचन)
अर्जमन्द= महान
अऱ्ज= धरती, क्षेत्र, पृथ्वी
अजनबी= आंगतुक, विदेशी, परदेसी
अज़ल= अनन्तकाल, सनातनत्व, नित्यता
अजब= कौतुक, आश्चर्य, असाधारण
अजीब= आश्चर्यजनक, अद्भुत, निराला
अज़ाब= पीड़ा, सन्ताप, दंड
अज़ीज़= प्रिय, माननीय, आदरणीय, गुणवान
अज़ीम= महान, विशाल, उच्च मर्यादा वाला
अटक=विघ्न, बाधा
अत्त्फ़ाल= बच्चे, संतति (तिफ़्ल का बहुवचन)
अत्फ़= दया, भेंट, प्रेम, कृपा
अदा= ऋण चुकाना, निबटारा
अदा= मनोहरता, श्रृंगार, सुन्दरता
अदीब= विद्वान
अदालत= न्यायालय, न्याय, कानून
अदम= शून्य, अस्तित्वहीन, अभाव
अन्जाम= अन्त, परिणाम, फल
अन्जुमन= परिषद, सभा, सम्मेलन
अन्दाज़ा= अनुमान, आंकना, माप
अन्दर= भीतर
अफ़स़ना= कहानी, कल्पित कथा
अफ़सुर्दा= उदास, विषाद
अफ़सोस= शोक, पछतावा, उदासी
अब= अभी, वर्तमान
अब्तर= नष्ट,बिखारा हुआ, मूल्यहीन
अबद=अनन्तकाल
अब्र= बादल
अब्रू= भौंह
अब्सार= आंखें (बसर का बहुवचन)
अब्ना= बेटे (इब्न का बहुवचन),सन्धि,सहमति, घटना, संयोग, अवसर
अबस= लाभहीन, बेकार, व्यर्थ, तुच्छ
अब्द= दास, प्रमात्मा का दास
अमलन= यथार्थ में, सच में, सत्यता पूर्वक
अमानत= धरोहर
अऱ्ज= याचना, विनय, विनती, परखना, प्रदर्शन
अर्श= छत, छत्र, सर्वोच्च स्वर्ग
अरमान= इच्छा, लालसा, आशा
अल्फ़ाज़= शब्द (ल्फ़ज़ का बहुवचन)
अल= कला
अलीम= बुद्धिमान, विद्वान
अव्वल= प्रथम, सर्वश्रेष्ठ, अतिउत्तम
अश्फ़ाक= सहारा,अनुग्रह, कृपा (शफ़क का बहुवचन)
अश्क़िया= क्रूर, कठोरहृदय
अश्क= आँसू
असद= सिंह, शेर
असरार= भेद (बहुवचन)
असफ़ार= यात्रायें (सफ़र का बहुवचन)
अस्क़ाम= बुराइयां, कमज़ोरियां, कमियां
असीर= कैदी, बन्दी
अस्हाब= मालिक, स्वामी (साहिब का बहुवचन)
अस्ल= मूल, नींव, मूलतत्त्व
अस्ली= मौलिक, मूल, वास्तविक, सत्य, खरा
असर= चिन्ह, निशान, लक्षण, प्रभाव
असास= नींव
अस्बाब= कारण, वजह, साधन
अहज़ान= दु:ख (बहुवचन)(हुज़्न का बहुवचन)
अत्र= सुगन्धि

आईना= दर्पण
आक़िबत= अन्त, परिणाम, भविष्य
आक़िल= बुद्धिमान
आख़िर= अन्त, अन्तिम
आग= अग्नि, ज्वाला(क्रोध,वासना,प्रेम,आवेग,जोश)
आगा़ज= आरम्भ,
आगो़श= आलिंगन, गोद, छाती
आँच= ज्वाला, उष्णता, उत्साह, हानि, दु:ख
आंचल= दोपट्टे का कोना
आज़= प्रचण्ड इच्छा, लोभ, ल्प्सिा
आज़र्दाह= उदास, दु:खित, खीजा हुआ, व्याकुल,बेचैन
आज़माईश= प्रयत्न, प्रयोग, जाँच, सिद्ध करना
आज़ाद= स्वतन्त्र, बाधारहित
आजिज़= शक्तिहीन, उदासीन
आज़िम= दृढ़ता, सुनिश्चित
आतिश= आग
आदत= रीति, आचरण, प्रयोग, प्रवृति
आदमी= व्यक्ति
आदमियत= मनुष्यत्त्व, मनुष्यता, शिष्टता
आदाब= आचरण (अदब का बहुवचन)
आदिल= न्यायपूर्ण, सच्चा, नेक, निष्कपट
आंधी= धूल भरी तेज़ हवा, अंधड
आप= स्वयं, किसी को सम्मान से सम्बोधित करना
आफ़ताब= सूर्य
आफ़त=
आफ़ात= दुर्भाग्य, कठिनाइयां, बुराइयां (आफ़त का बहुवचन)
आब= पानी,चमक,सुन्दरता,तलवार की धार
आब-ए-आईना= दर्पण की चमक
आब-ए-चश्म= आंसू
आब-ए-तल्ख़= कड़वा पानी, आंसू, शराब
आबरू= आन, प्रसिद्धी, मर्यादा
आबाद= बसा हुआ, प्रसन्न, समृद्ध
आम= साधारण, जनता, सामन्य, सार्वत्रिक
आयन्दा= भविष्य में, आगे, इसके बाद
आरज़ू= इच्छा, लालसा, आशा, अभिलाषा
आरा= सजावट, शोभना
आराईश= सजावट, सुन्दरता, सुशोभित
आराम= विश्राम, सुख, चैन, सुगमता
आलम= संसार, सृष्टि, प्रान्त, सुन्दरता, समयकाल
आलाप= बात-चीत, स्वर मिलाना
आलिम= विद्वान, बुद्धिमान, सुबोध
आली= उच्च, महान, भव्य, विशाल, उत्तम
आवाज़= शोर, ध्वनि, चीख, पुकार
आवाज़ह= चर्चा, अफवाह, प्रसिद्धि, विवरण
आवारा= बिना घरबार के, घुमक्कड़, हीन
आश्ना= परिचित, मित्र, प्रेमी
आशिक़= प्रेमी, विवाहार्थी
आशियाना= घोंसला, घर
आशुफ़्ता= बौख़लाया हुआ, घबराया हुआ, भ्रमित
आस= उम्मीद, आशा, भरोसा, शरण
आसमान= आकाश, स्वर्ग
आसमानी= स्वैर्गिक, खगोली, अन्तिरिक्ष सम्बन्धी, नीला
आसरा= सुरक्षा, शरण, जीने का साधन
आसान= सरल, सुगम, सहज
आसिम= पापी, दोषी
आसूदाह= समृद्ध, अमीर, सन्तुष्ट
आंसू= अश्रु
आह= निश्वास, दीर्घश्वास
आहिस्ता= धीमे से, मृदुलता, आराम से

  • अक़्ल= बुद्धि, तर्क, ज्ञान
  • अकबर= सबसे महान
  • अकसर= अधिकतर, आमतौर पर, बहुत, बार बार
  • अख्ज़= पकड़नेवाला, लेनेवाला, छीनने वाला, लोभी
  • अख़बार= समाचार, समाचारपत्र
  • अगर= यदि, तथापि
  • अग्यार= अजनबी, प्रतिद्वन्दी (गै़र का बहुवचन)
  • अगल़ात= अशुद्धियां (गल़त का बहुवचन)
  • अर्जमन्द= महान
  • अजनबी= आंगतुक, विदेशी, परदेसी
  • अज़ल= अनन्तकाल, सनातनत्व, नित्यता
  • अजब= कौतुक, आश्चर्य, असाधारण
  • अजीब= आश्चर्यजनक, अद्भुत, निराला
  • अज़ाब= पीड़ा, सन्ताप, दंड
  • अज़ीज़= प्रिय, माननीय, आदरणीय, गुणवान
  • अज़ीम= महान, विशाल, उच्च मर्यादा वाला
  • अटक=विघ्न, बाधा
  • अत्त्फ़ाल= बच्चे, संतति (तिफ़्ल का बहुवचन)
  • अत्फ़= दया, भेंट, प्रेम, कृपा
  • अदा= ऋण चुकाना, निबटारा
  • अदा= मनोहरता, श्रृंगार, सुन्दरता
  • अदीब= विद्वान
  • अदालत= न्यायालय, न्याय, क़ानून
  • अदम= शून्य, अस्तित्वहीन, अभाव
  • अन्जाम= अन्त, परिणाम, फल
  • अन्जुमन= परिषद, सभा, सम्मेलन
  • अन्दाज़ा= अनुमान, आंकना, माप
  • अन्दर= भीतर
  • अफ़स़ना= कहानी, कल्पित कथा
  • अफ़सुर्दा= उदास, विषाद
  • अफ़सोस= शोक, पछतावा, उदासी
  • अब= अभी, वर्तमान
  • अब्तर= नष्ट,बिखारा हुआ, मूल्यहीन
  • अबद=अनन्तकाल
  • अब्र= बादल
  • अब्रू= भौंह
  • अब्सार= आँखें (बसर का बहुवचन)
  • अब्ना= बेटे (इब्न का बहुवचन),सन्धि,सहमति, घटना, संयोग, अवसर
  • अबस= लाभहीन, बेकार, व्यर्थ, तुच्छ
  • अब्द= दास, प्रमात्मा का दास
  • अमलन= यथार्थ में, सच में, सत्यता पूर्वक
  • अमानत= धरोहर
  • अऱ्ज= याचना, विनय, विनती, परखना, प्रदर्शन
  • अर्श= छत, छत्र, सर्वोच्च स्वर्ग
  • अरमान= इच्छा, लालसा, आशा
  • अल्फ़ाज़= शब्द (ल्फ़ज़ का बहुवचन)
  • अल= कला
  • अलीम= बुद्धिमान, विद्वान
  • अव्वल= प्रथम, सर्वश्रेष्ठ, अतिउत्तम
  • अश्फ़ाक= सहारा,अनुग्रह, कृपा (शफ़क का बहुवचन)
  • अश्क़िया= क्रूर, कठोरहृदय
  • अश्क= आँसू
  • असद= सिंह, शेर
  • असरार= भेद (बहुवचन)
  • असफ़ार= यात्रायें (सफ़र का बहुवचन)
  • अस्क़ाम= बुराइयां, कमज़ोरियां, कमियां
  • असीर= कैदी, बन्दी
  • अस्हाब= मालिक, स्वामी (साहिब का बहुवचन)
  • अस्ल= मूल, नींव, मूलतत्त्व
  • अस्ली= मौलिक, मूल, वास्तविक, सत्य, खरा
  • असर= चिन्ह, निशान, लक्षण, प्रभाव
  • असास= नींव
  • अस्बाब= कारण, वजह, साधन
  • अहज़ान= दु:ख (बहुवचन) (हुज़्न का बहुवचन)
  • अत्र= सुगन्धि

  • आईना= दर्पण
  • आक़िबत= अन्त, परिणाम, भविष्य
  • आक़िल= बुद्धिमान
  • आख़िर= अन्त, अन्तिम
  • आग= अग्नि, ज्वाला (क्रोध, वासना, प्रेम, आवेग, जोश)
  • आगा़ज= आरम्भ,
  • आगो़श= आलिंगन, गोद, छाती
  • आँच= ज्वाला, उष्णता, उत्साह, हानि, दु:ख
  • आंचल= दोपट्टे का कोना
  • आज़= प्रचण्ड इच्छा, लोभ, ल्प्सिा
  • आज़र्दाह= उदास, दु:खित, खीजा हुआ, व्याकुल,बेचैन
  • आज़माईश= प्रयत्न, प्रयोग, जाँच, सिद्ध करना
  • आज़ाद= स्वतन्त्र, बाधारहित
  • आजिज़= शक्तिहीन, उदासीन
  • आज़िम= दृढ़ता, सुनिश्चित
  • आतिश= आग
  • आदत= रीति, आचरण, प्रयोग, प्रवृति
  • आदमी= व्यक्ति
  • आदमियत= मनुष्यत्त्व, मनुष्यता, शिष्टता
  • आदाब= आचरण (अदब का बहुवचन)
  • आदिल= न्यायपूर्ण, सच्चा, नेक, निष्कपट
  • आंधी= धूल भरी तेज़ हवा, अंधड
  • आप= स्वयं, किसी को सम्मान से सम्बोधित करना
  • आफ़ताब= सूर्य
  • आफ़त=विपत्ति, संकट
  • आफ़ात= दुर्भाग्य, कठिनाइयां, बुराइयां (आफ़त का बहुवचन)
  • आब= पानी, चमक, सुन्दरता, तलवार की धार
  • आब-ए-आईना= दर्पण की चमक
  • आब-ए-चश्म= आंसू
  • आब-ए-तल्ख़= कड़वा पानी, आंसू, शराब
  • आबरू= आन, प्रसिद्धी, मर्यादा
  • आबाद= बसा हुआ, प्रसन्न, समृद्ध
  • आम= साधारण, जनता, सामान्य, सार्वत्रिक
  • आयन्दा= भविष्य में, आगे, इसके बाद
  • आरज़ू= इच्छा, लालसा, आशा, अभिलाषा
  • आरा= सजावट, शोभना
  • आराईश= सजावट, सुन्दरता, सुशोभित
  • आराम= विश्राम, सुख, चैन, सुगमता
  • आलम= संसार, सृष्टि, प्रान्त, सुन्दरता, समयकाल
  • आलाप= बात-चीत, स्वर मिलाना
  • आलिम= विद्वान, बुद्धिमान, सुबोध
  • आली= उच्च, महान, भव्य, विशाल, उत्तम
  • आवाज़= शोर, ध्वनि, चीख, पुकार
  • आवाज़ह= चर्चा, अफवाह, प्रसिद्धि, विवरण
  • आवारा= बिना घरबार के, घुमक्कड़, हीन
  • आश्ना= परिचित, मित्र, प्रेमी
  • आशिक़= प्रेमी, विवाहार्थी
  • आशियाना= घोंसला, घर
  • आशुफ़्ता= बौख़लाया हुआ, घबराया हुआ, भ्रमित
  • आस= उम्मीद, आशा, भरोसा, शरण
  • आसमान= आकाश, स्वर्ग
  • आसमानी= स्वैर्गिक, खगोली, अन्तिरिक्ष सम्बन्धी, नीला
  • आसरा= सुरक्षा, शरण, जीने का साधन
  • आसान= सरल, सुगम, सहज
  • आसिम= पापी, दोषी
  • आसूदाह= समृद्ध, अमीर, सन्तुष्ट
  • आंसू= अश्रु
  • आह= निश्वास, दीर्घश्वास
  • आहिस्ता= धीमे से, मृदुलता, आराम से


उर्दू शब्दावली  

उर्दू हिंदी शब्दकोश[1]
अं
क्षत्रज्ञश्र

  • अक़्ल= बुद्धि, तर्क, ज्ञान
  • अकबर= सबसे महान
  • अकसर= अधिकतर, आमतौर पर, बहुत, बार बार
  • अख्ज़= पकड़नेवाला, लेनेवाला, छीनने वाला, लोभी
  • अख़बार= समाचार, समाचारपत्र
  • अगर= यदि, तथापि
  • अग्यार= अजनबी, प्रतिद्वन्दी (गै़र का बहुवचन)
  • अगल़ात= अशुद्धियां (गल़त का बहुवचन)
  • अर्जमन्द= महान
  • अजनबी= आंगतुक, विदेशी, परदेसी
  • अज़ल= अनन्तकाल, सनातनत्व, नित्यता
  • अजब= कौतुक, आश्चर्य, असाधारण
  • अजीब= आश्चर्यजनक, अद्भुत, निराला
  • अज़ाब= पीड़ा, सन्ताप, दंड
  • अज़ीज़= प्रिय, माननीय, आदरणीय, गुणवान
  • अज़ीम= महान, विशाल, उच्च मर्यादा वाला
  • अटक=विघ्न, बाधा
  • अत्त्फ़ाल= बच्चे, संतति (तिफ़्ल का बहुवचन)
  • अत्फ़= दया, भेंट, प्रेम, कृपा
  • अदा= ऋण चुकाना, निबटारा
  • अदा= मनोहरता, श्रृंगार, सुन्दरता
  • अदीब= विद्वान
  • अदालत= न्यायालय, न्याय, क़ानून
  • अदम= शून्य, अस्तित्वहीन, अभाव
  • अन्जाम= अन्त, परिणाम, फल
  • अन्जुमन= परिषद, सभा, सम्मेलन
  • अन्दाज़ा= अनुमान, आंकना, माप
  • अन्दर= भीतर
  • अफ़स़ना= कहानी, कल्पित कथा
  • अफ़सुर्दा= उदास, विषाद
  • अफ़सोस= शोक, पछतावा, उदासी
  • अब= अभी, वर्तमान
  • अब्तर= नष्ट,बिखारा हुआ, मूल्यहीन
  • अबद=अनन्तकाल
  • अब्र= बादल
  • अब्रू= भौंह
  • अब्सार= आँखें (बसर का बहुवचन)
  • अब्ना= बेटे (इब्न का बहुवचन),सन्धि,सहमति, घटना, संयोग, अवसर
  • अबस= लाभहीन, बेकार, व्यर्थ, तुच्छ
  • अब्द= दास, प्रमात्मा का दास
  • अमलन= यथार्थ में, सच में, सत्यता पूर्वक
  • अमानत= धरोहर
  • अऱ्ज= याचना, विनय, विनती, परखना, प्रदर्शन
  • अर्श= छत, छत्र, सर्वोच्च स्वर्ग
  • अरमान= इच्छा, लालसा, आशा
  • अल्फ़ाज़= शब्द (ल्फ़ज़ का बहुवचन)
  • अल= कला
  • अलीम= बुद्धिमान, विद्वान
  • अव्वल= प्रथम, सर्वश्रेष्ठ, अतिउत्तम
  • अश्फ़ाक= सहारा,अनुग्रह, कृपा (शफ़क का बहुवचन)
  • अश्क़िया= क्रूर, कठोरहृदय
  • अश्क= आँसू
  • असद= सिंह, शेर
  • असरार= भेद (बहुवचन)
  • असफ़ार= यात्रायें (सफ़र का बहुवचन)
  • अस्क़ाम= बुराइयां, कमज़ोरियां, कमियां
  • असीर= कैदी, बन्दी
  • अस्हाब= मालिक, स्वामी (साहिब का बहुवचन)
  • अस्ल= मूल, नींव, मूलतत्त्व
  • अस्ली= मौलिक, मूल, वास्तविक, सत्य, खरा
  • असर= चिन्ह, निशान, लक्षण, प्रभाव
  • असास= नींव
  • अस्बाब= कारण, वजह, साधन
  • अहज़ान= दु:ख (बहुवचन) (हुज़्न का बहुवचन)
  • अत्र= सुगन्धि

  • आईना= दर्पण
  • आक़िबत= अन्त, परिणाम, भविष्य
  • आक़िल= बुद्धिमान
  • आख़िर= अन्त, अन्तिम
  • आग= अग्नि, ज्वाला (क्रोध, वासना, प्रेम, आवेग, जोश)
  • आगा़ज= आरम्भ,
  • आगो़श= आलिंगन, गोद, छाती
  • आँच= ज्वाला, उष्णता, उत्साह, हानि, दु:ख
  • आंचल= दोपट्टे का कोना
  • आज़= प्रचण्ड इच्छा, लोभ, ल्प्सिा
  • आज़र्दाह= उदास, दु:खित, खीजा हुआ, व्याकुल,बेचैन
  • आज़माईश= प्रयत्न, प्रयोग, जाँच, सिद्ध करना
  • आज़ाद= स्वतन्त्र, बाधारहित
  • आजिज़= शक्तिहीन, उदासीन
  • आज़िम= दृढ़ता, सुनिश्चित
  • आतिश= आग
  • आदत= रीति, आचरण, प्रयोग, प्रवृति
  • आदमी= व्यक्ति
  • आदमियत= मनुष्यत्त्व, मनुष्यता, शिष्टता
  • आदाब= आचरण (अदब का बहुवचन)
  • आदिल= न्यायपूर्ण, सच्चा, नेक, निष्कपट
  • आंधी= धूल भरी तेज़ हवा, अंधड
  • आप= स्वयं, किसी को सम्मान से सम्बोधित करना
  • आफ़ताब= सूर्य
  • आफ़त=विपत्ति, संकट
  • आफ़ात= दुर्भाग्य, कठिनाइयां, बुराइयां (आफ़त का बहुवचन)
  • आब= पानी, चमक, सुन्दरता, तलवार की धार
  • आब-ए-आईना= दर्पण की चमक
  • आब-ए-चश्म= आंसू
  • आब-ए-तल्ख़= कड़वा पानी, आंसू, शराब
  • आबरू= आन, प्रसिद्धी, मर्यादा
  • आबाद= बसा हुआ, प्रसन्न, समृद्ध
  • आम= साधारण, जनता, सामान्य, सार्वत्रिक
  • आयन्दा= भविष्य में, आगे, इसके बाद
  • आरज़ू= इच्छा, लालसा, आशा, अभिलाषा
  • आरा= सजावट, शोभना
  • आराईश= सजावट, सुन्दरता, सुशोभित
  • आराम= विश्राम, सुख, चैन, सुगमता
  • आलम= संसार, सृष्टि, प्रान्त, सुन्दरता, समयकाल
  • आलाप= बात-चीत, स्वर मिलाना
  • आलिम= विद्वान, बुद्धिमान, सुबोध
  • आली= उच्च, महान, भव्य, विशाल, उत्तम
  • आवाज़= शोर, ध्वनि, चीख, पुकार
  • आवाज़ह= चर्चा, अफवाह, प्रसिद्धि, विवरण
  • आवारा= बिना घरबार के, घुमक्कड़, हीन
  • आश्ना= परिचित, मित्र, प्रेमी
  • आशिक़= प्रेमी, विवाहार्थी
  • आशियाना= घोंसला, घर
  • आशुफ़्ता= बौख़लाया हुआ, घबराया हुआ, भ्रमित
  • आस= उम्मीद, आशा, भरोसा, शरण
  • आसमान= आकाश, स्वर्ग
  • आसमानी= स्वैर्गिक, खगोली, अन्तिरिक्ष सम्बन्धी, नीला
  • आसरा= सुरक्षा, शरण, जीने का साधन
  • आसान= सरल, सुगम, सहज
  • आसिम= पापी, दोषी
  • आसूदाह= समृद्ध, अमीर, सन्तुष्ट
  • आंसू= अश्रु
  • आह= निश्वास, दीर्घश्वास
  • आहिस्ता= धीमे से, मृदुलता, आराम से

  • इक़बाल= सौभाग्य, समृद्धि, सफलता, स्वीकृति
  • इक़रार= शपथ, सौगन्ध, घोषणा, स्वीकृति, प्रण
  • इक़्तिज़ा= आवश्यकता, माँग, चाह
  • इख्लास= प्रेम, सच्चाई, शुद्धता, निष्ठता,
  • इख्त़ियार= शंक्ति, अधिकार, विकल्प, मरज़ी
  • इज़्ज़त= मान, मर्यादा, प्रसिद्धि, कीर्ति, यश
  • इज़्हार= बताना, प्रकटीकरण, वर्णन, घोषणा
  • इजाज़(एजाज़)= अचम्भा, चमत्कार, कौतुक
  • इजाज़त= अनुमति, स्वीकृती, आज्ञा देना
  • इज़्तिराब= अशान्ति, चिन्ता, घबराहट, बेचैनी
  • इज़्तिरार= बन्धन, विविशता, अकुलाहट
  • इत्माम= सम्पूर्णता, सिद्धि, प्रवीणता
  • इत्लाफ़= हानि, उजड़ना, नाश
  • इतराज़(एतराज़)= विरोधता, आलोचना
  • इताब= क्रोध, अप्रसन्नता, डाँट, दोष लगाना
  • इतिबार(एतबार)= विश्वास, भरोसा, आसरा
  • इत्तिका= सहारा, आसरा
  • इत्तिफ़ाक़= संयोग
  • इत्तिफ़ाक़न= सांयोगिक, अकस्मात से
  • इत्तिहाम= दोष, दोषारोपण
  • इत्तिहाद= संधि, एकता, मित्रता
  • इद्राक= समझ बूझ, बोध
  • इन्कार= अस्वीकार, विरोध
  • इन्क़िलाब= क्रान्ति
  • इन्तज़ार= प्रतीक्षा
  • इन्तिक़ाम= बदला, प्रतिशोध
  • इन्तिख़ाब= चयन, चुनाव, पसन्द
  • इन्तिज़ाम= व्यवस्था, प्रबन्ध, ढंग, क्रम
  • इन्सान= मानव, मनुष्य जाति
  • इन्सानियत= मानवता, शिष्टता, सुशीलता
  • इनाद= विरोधता, दुश्मनी, वैर, लाग
  • इनाम= पुरस्कार, भेंट, पारितोषिक
  • इफ़्तितखार= मान, कीर्ति, विशिष्ठता, ख्याति
  • इफ़्रात= अधिकता, बाहुल्य, बहुतायत
  • इफ़्फ़त= शुद्धता, पवित्रता, सतीत्व
  • इब्न= पुत्र
  • इब्रत= चेतावनी, डांट
  • इब्तिदा= अनुष्ठान, आरम्भ
  • इब्तिसाम= मुस्कुराहट, उल्लास
  • इब्तिला= दुर्भाग्य, कष्ट, पीड़ा
  • इबादत= प्रार्थना, उपासना
  • इबारत= बोली भाषा, शैली, रचना
  • इमान= विश्वास, धर्म मत, अंत:करण
  • इम्तिहान= परीक्षा, प्रयोग, जाँच, प्रमाण
  • इम्तियाज़= अन्तर, अन्तर करने वाला, विशिष्ठता
  • इमारत= भवन
  • इल्म= ज्ञान, विज्ञान, मत, सिद्धान्त
  • इल्लत= दोष, बुरी आदत, बीमारी, बहाना, आधार
  • इल्तिफ़ात= मित्रता, आदर, दया, कृपा, अनुग्रह
  • इलाक़ा= क्षेत्र, अधिकारस्क्षेत्र, भूमि, भूसंपत्ति
  • इलाज= उपचार, चिकित्सा, प्रतिविष
  • इलान(एलान)= बताना, मुनादी, घोषणा
  • इश्क़= प्रेम
  • इश्तियाक़= चाह, इच्छा, लालसा
  • इश्तिहार= विज्ञापन, प्रसिद्धि, ख्याति
  • इश्फ़ाक़= दया, अनुकम्पा, दयालुता
  • इशारा= इंगित, चिन्ह, संकेत
  • ईशाद= आज्ञा, आदेश, पथपर्दशन
  • इस्राफ़= अतिव्यय, उड़ाना, उजाड़ना
  • इस्रार= हठता, ज़ि , अविनय, दृढ़ाग्रह
  • इस्तिफ़ा= पदत्याग
  • इस्बात= प्रमाण, साक्ष्य, सबूत
  • इस्तिमाल= बरतना, बर्ताव, प्रयोग में लाना
  • इरादा= लक्ष्य, उद्देश्य, कामना, लालसा, इच्छा
  • इश्रत= आनन्द, मनोरंजन, हुलास, चुहल, समाज
  • इश्राक़= उषा, प्रभात, चमक




     

इक़बाल= सौभाग्य, समृद्धि, सफलता, स्वीकृति
इक़रार= शपथ, सौगन्ध, घोषणा, स्वीकृति, प्रण
इक़्तिज़ा= आवश्यकता, माँग, चाह
इख्लास= प्रेम, सच्चाई, शुद्धता, निष्ठता,
इख्त़ियार= शंक्ति, अधिकार, विकल्प, मरज़ी, प्र
इज़्ज़त= मान, मर्यादा, प्रसिद्धि, कीर्ति, यश
इज़्हार= बताना, प्रकटीकरण, वर्णन, घोषणा
इजाज़(एजाज़)= अचम्भा, चमत्कार, कौतुक
इजाज़त= अनुमति, स्वीकृती, आज्ञा देना
इज़्तिराब= अशान्ति, चिन्ता, घबराहट, बेचैनी
इज़्तिरार= बन्धन, विविशता, अकुलाहट
इत्माम= सम्पूर्णता, सिद्धि, प्रवीणता
इत्लाफ़= हानि, उजड़ना, नाश
इतराज़(एतराज़)= विरोधता, आलोचना
इताब= क्रोध, अप्रसन्नता, डाँट, दोष लगाना
इतिबार(एतबार)= विश्वास, भरोसा, आसरा
इत्तिका= सहारा, आसरा
इत्तिफ़ाक़= संयोग
इत्तिफ़ाक़न= सांयोगिक, अकस्मात से
इत्तिहाम= दोष, दोषारोपण
इत्तिहाद= संधि, एकता, मित्रता
इद्राक= समझ बूझ, बोध
इन्कार= अस्वीकार, विरोध
इन्क़िलाब= क्रान्ति
इन्तज़ार= प्रतीक्षा
इन्तिक़ाम= बदला, प्रतिशोध
इन्तिख़ाब= चयन, चुनाव, पसन्द
इन्तिज़ाम= व्यवस्था, प्रबन्ध, ढंग, क्रम
इन्सान= मानव, मनुष्य जाति
इन्सानियत= मानवता, शिष्टता, सुशीलता
इनाद= विरोधता, दुश्मनी, वैर, लाग
इनाम= पुरस्कार, भेंट, पारितोषिक
इफ़्ितखार= मान, कीर्ति, विशिष्ठता, ख्याति
इफ़्रात= अधिकता, बाहुल्य, बहुतायत
इऱ्फान= ज्ञान, विज्ञान, बुद्धि
इफ़्फ़त= शुद्धता, पवित्रता, सतीत्व
इब्न= पुत्र
इब्रत= चेतावनी, डांट
इब्तिदा= अनुष्ठान, आरम्भ
इब्तिसाम= मुस्कुराहट, उल्लास
इब्तिला= दुर्भाग्य, कष्ट, पीड़ा
इबादत= प्रार्थना, उपासना
इबारत= बोली भाषा, शैली, रचना
इमान= विश्वास, धर्म मत, अंत:करण
इम्तिहान= परीक्षा, प्रयोग, जाँच, प्रमाण
इम्तियाज़= अन्तर, अन्तर करने वाला, विशिष्ठता
इमारत= भवन
इल्म= ज्ञान, विज्ञान, मत, सिद्धान्त
इल्लत= दोष, बुरी आदत, बीमारी, बहाना, आधार
इल्तिफ़ात= मित्रता, आदर, दया, कृपा, अनुग्रह
इलाक़ा= क्षेत्र, अधिकारस्क्षेत्र, भूमि, भूसंपत्ति
इलाज= उपचार, चिकित्सा, प्रतिविष
इलान(एलान)= बताना, मुनादी, घोषणा
इश्क़= प्रेम
इश्तियाक़= चाह, इच्छा, लालसा
इश्तिहार= विज्ञापन, प्रसिद्धि, ख्याति
इश्फ़ाक़= दया, अनुकम्पा, दयालुता
इशारा= इंगित, चिन्ह, संकेत
ईशाद= आज्ञा, आदेश, पथपर्दशन
इस्राफ़= अतिव्यय, उड़ाना, उजाड़ना
इस्रार= हठता, ज़ि , अविनय, दृढ़ाग्रह
इस्तिफ़ा= पदत्याग
इस्बात= प्रमाण, साक्ष्य, सबूत
इस्तिमाल= बरतना, बर्ताव, प्रयोग में लाना
इरादा= लक्ष्य, उ ेश्य, कामना, लालसा, इच्छा
इश्रत= आनन्द, मनोरंजन, हुलास, चुहल, समाज
इश्राक़= उषा, प्रभात, चमक

उक़ूबत= दंड, सजा, उत्पीड़न, यातना
उजाड़= बंजर, विरान, निर्ज
उर्दू= सेना, शिवर
उफ़्क= क्षितिज
उफ़्ताद= दुर्भाग्य, दुर्घटना, नींव
उम्मीद= आशा, प्रतीक्षा, विश्वास
उम्र= आयु
उबाल= क्रोध, रोष, खौल
उरियां= नग्नता, खाली, शून्य, विहीन
उरूज= उदय, महानता, गौरवान्वित
उस्ताद= अध्यापक, गुस्र्

एहतियाज= आवश्यकता
एहतियात= सावधानी, ध्यान रखना
एहसास= भावना, मनोभाव
एहसान= उपकार, कृपा, अनुग्रह

ऐयाश= विलासी, लुच्चा, लंपट, विषयासक्त
ऐश= आनन्द, विलास, सुख, भोग
ऐहतमाम= व्यवस्था

औक़ात= समय (बहुवचन) (वक़्त का बहुवचन)
औक़ात= स्थिती
औरत= स्त्री, पत्नी, नग्नता
औलाद= सन्तान(वलद का बहुवचन)


कागज़= पन्ना, पत्र, लेख्य पत्र
कातिब= लेखक, लिपिक
किताब= पुस्तक, लेख, सन्देश
कदा= स्थान (अधिकतर शब्दान्त में आता है)
कन्दा= गढ़ा हुआ, नक्काशीदार
किनारा= समुद्र तट, नदी का तट, हाशिया, सीमा
उपांत
कीना= द्वेष, वैर, लाग
काइल(क़ायल)= स्वीकारना, मानना, पराजित
क़ाईदा(क़ायदा)= रीति, नियम, आदत, अनुशासन, आचरण
क़ज़ा= भाग्य, अधिकारस्क्षेत्र, ईश्वरीयदंड
क़ाज़ी= न्यायक
क़त्ल= हत्या, वध
क़ातिल= हत्यारा, वधिक, गुप्तघातक
क़द= आकार, ऊंचाई, लम्बाई
क़द्र= मान, मूल्य, प्रतिष्ठा, आदर
क़दम= चाल, गति, पदचाप
क़ुदरत= शक्ति, सृष्टि, प्रकृति, जगत
क़ैद=बन्दी होना, स्र्कावट, नियंत्रण
क़ानून= नियम, विधान, सिद्धान्त, व्यवस्था
क़फ़स= पिंजरा, शरीर,जाली
क़ाफ़िया= तुक, तुकबन्दी, छन्द, ताल
क़ब्ज़ा= पकड़, शक्ति, अधिकार, तलवार का मुठ्ठा
क़ब्र= समाधि
क़ाबिल= समर्थ, चतुर, योग्य, गुणवान
क़ाबू= शक्ति, अधिकार, वश, पकड़
क़ुबूल= स्वीकार करना, स्वीकृति
क़मर=चन्द्रमा
क़ीमत= मूल्य, उपयोगिता, दाम, लागत
क़ौम= राष्ट्र, जनता
क़यामत=विनाश, मृतोत्थान, उथल-पुथल
क़ायदा(क़ाईदा)= रीति, नियम, आदत, अनुशासन, आचरण
क़ायम= स्थापित, ठहरा हुआ, दृढ़, टिकाऊ
क़ायल(काइल)= स्वीकारना, मानना, पराजित
क़र्ज=़ ऋण
क़रार= निवास, स्थिरता, विश्राम, धीरज, सन्तुष्टि
क़रीब= पास, निकट, समीप, समान, पास आना
क़ुर्बान= बलि, भेंट, बलिदान देना
क़ल्ब= दिल, मन, आत्मा, बुद्धि
क़लम= लेखनी, लिखावट
क़ौल= वादा, शपथ, हामी, शब्द, कहावत, बात
क़सम= शपथ
क़िस्म= जाति, वर्ग, भाग, प्रकृति
क़िस्मत= भाग्य, भाग, सर, श्रेणी
क़िस्सा= कहानी, कथा, प्रेमकथा, झगड़ा, विवाद
क़ुसूर= दोष, अवगुण, खोट, भूल, पाप, असफलता

ख़
ख़ाक= धूलि, भूमि, राख
ख़ंजर= छुरी
ख़ज़ां(ख़िज़ां)= पतझड़, वृद्धावस्था, क्षय
ख़जालत= लज्जा, लज्जाशालीनता
ख़जालत= प्रसन्न, शुभ, भाग्यवान
ख़िज़ाना(ख़ज़ाना)= धन संग्रह, कोष, राजकोष
ख़त= पत्र, चिन्ह, लिखित
ख़तरा= डर, भय, विपित्ति, जोखिम
ख़त्म= अन्त, पूरा होना, अन्त करना, समाप्ती
ख़ता= गलती, भूल, लापरवाही
ख़ातिर= हृदय, मन, के लिये, की तरफ से, चयन, हित
ख़ुत्बा= भाषण, धर्मोपदेश, प्रवेशन, परिचय
ख़िदमत= सेवा, आवभगत, कर्तव्य, नौकरी
ख़ुद(ख़ूद)= स्वयं, वक्तिगत, अपना, एकांत
ख़ुदा= भगवान्
ख़ुदी(ख़ूदि)= घमंड, अहंकार, मन की चौकसी
ख़ानदान= कुल, परिवार, वंश
ख़ाना= घर, कमरा, विभाग, हिस्सा
ख़ानुम(ख़ानम)=श्रीमति, राजकुमारी, पत्नी
ख़ून= रक्त, हत्या
ख़फ़ा= छिपाव, गुप्तता, क्रोधित, अप्रसन्न
ख़बर= समाचार, ज्ञान, सूचना, वर्णन, लोकवाद, चर्चा
ख़ूब= बढ़िया, अच्छा, उत्तम, सुन्दर, मनभावन
ख़ाम= कच्चा, हरा, नौसिखिया, अदक्ष, घमंडी
ख़ामोश= चुप्प
ख़ुमार= नशा
ख़याल= विचार, कल्पना, मत, देखभाल, मान
ख़ियाबां= पुष्पवाटिका, फूलों की क्यारी
ख़रीद= खरीदना, मोल लेना, मोल ली हुई वस्तु
ख़राब= बुरा, दुष्ट, बरबाद हुआ, बिगड़ा हुआ, अशिष्ट, अश्लील
ख़ुर्रम= प्रसन्न
ख़ैर= अच्छा, अतिउत्तम
ख़ैर=कुशल क्षेम, कल्याण, हित, आनंद
ख़लास= उद्धार, सवतन्त्रता, मुक्ति
ख़ालिस= शुद्ध, असल, खरा, निष्कपट(मित्र)
ख़लिश= चुभन, पीड़ा, चिन्ता, शंका
ख़िलाफ़= विरोध, विपक्षता, असत्यता
ख़िलाफ़= विस्र्द्ध
ख्व़ाब= नींद, स्वप्न
ख्व़ार= दुष्ट, उजाड़, मित्रहीन, निर्धन
ख्व़ाहिश= लालसा, इच्छा, अनुनय, विनय, मांग
ख़ुश= प्रसन्न, मनभावन
ख़ुश्क= सूखा, निर्जल, मुर्झाया हुआ, चिड़चिड़ा आदमी
ख़ूर्शीद(ख़ुर्शीद)=सूर्य
ख़स्ता= घायल, टूटा हुआ, जरजर, उदासीन
ख़ास= विशेष, व्यक्तिगत, विशिष्ट, अमिश्रित, श्रेष्ठजन


गज़= नापने वाला गज
गज़ीदा= डंक लग हुआ, काट खाया हुआ
गुज़र= जाना, एक रास्ता, एक जीवन
गुज़ारा= जीविका, जीवन निर्वाह, रास्ता, घर
गुज़ारिश= अनुनय, विनय, प्रार्थना, वर्णन
गुज़ीदा= चुना हुआ, निर्वाचित
गुनाह= दोष, पाप, अपराध
गुफ़्तगू= बातचीत, उपदेश
गुम= खोया हुआ, बेसुध, अनुपस्थित, लापता
गुमगश्ता= भटकता हुआ, खोया हुआ
गुमनाम= नामहीन, अज्ञात, अविदित, प्रतिष्ठाहीन
गुमराह= भटका हुआ, खोया हुआ, दुष्ट, नीच
गुमसुम= मौन, शान्त
गुमान= सन्देह, शंका, कल्पना, गर्व, विचार, अविश्वास
गोया= वाग्मी, सुवक्ता, बोलते हुए
गर्द= धूल, तुच्छ
गर्दन= ग्रीवा
गर्दिश= चक्कर, घुमाव, दुर्भाग्य, आवारापन
गर्म= उष्ण, जलना, प्रचण्ड, तीव्र, उत्साहपूर्ण, सजीव
गिर्द= परिधि, गोल, परिप्रदेश, नगरोपान्त
गिर्दाब= भंवर, अतल समुद्र, बवंडर
गिरह= गांठ, जोड़, अंगुली का जोड़
गिरया= रोना, विलाप करना, स्र्दन, फरियाद
गिरां= अमूल्य, महंगा, बहुमूल्य, भारी, महत्वपूर्ण
गिरियां= रोते हुए, चीखते हुए
गिरौ= वचन, गिरवी
गिरिफ़्तार= बन्दी बनाना, पकड़ना, वश होना, सम्मोहित, बन्दी
गीर= विजयी, लेने वाला, अधिकारी, छीनने वाला
गुल= गुलाब, फूल, गहना, छाप
गुलज़ार= उपवन, फूलों की क्यारी
गुलदस्ता= फूलों का गुच्छा
गुलबदन= कोमल, सुडौल, सुन्दर
गिला= रोष, शिकायत, अभियाग, दोष
गुलशन= फूलों या गुलाबों का उपवन
गुलाब= गुलाब
गुलिस्तां= गुलाबों का उपवन
गवारा= मनभावन, सम्मत, सुहावना, कोमलता
गवाह= साक्षी
गवाही= प्रमाण, साक्ष्य
गोश= कान
गोशा= कोना, कोण, कोठरी, एकान्तता
गुस्ताख़ी= अभद्रता, घमंड, धृष्टता
गुसार= छीनता हुआ, छितरता हुआ, दूर होता हुआ
गेसू= लटाएं, केशों के छल्ले
गैहान= संसार, सृष्टि

ग़़जल= कविता
ग ़ार= राजद्रोही, विश्वासघाती, अविश्वसनीय
ग़़फलत= असावधानी, ऊंघ, अचेतनता
गम़= शोक, दु:ख, चिन्ता
गम़ख्व़ार= दिलासा देते हुए
गम़गुस्सार= दिलासा देने वाला
गम़दीदा= दु:खित, व्यथित
गम़्माज़= भेदिया, चुगलीबाज
गा़यब= गुप्त, छिपा हुआ, अनुपस्थित
गु़बार= वाष्प, धुंध, फुहार, धूल, दु:ख
गऱज़= उ ेश्य, अर्थ, रूप रेखा, लालसा, सम्मति
गऱीब= निर्धन, दीन, अजनबी, भोला, निराला
गऱूर= गर्व, घमंड
गै़र= अजनबी, परदेसी
गै़र= और भी, सिवाय इसके, इसके उपरान्त, दूसरा,
अलग, विदेशी, बुरा, परन्तु, बचाना
गै़रत= मान, नम्रता, शालीनता, द्वेष, घृणा
गौ़र= ध्यान, गहरी सोच, ध्यान देना
गल़त= गलत, त्रुटिपूर्ण, असत्य
गल़ीज़= गन्दा, अशुद्ध, भ ा, असभ्य, अश्लील
गा़लिब= विजयी, प्रधान
गा़लिब= साधारणतय, अधिकतर, सम्भवत्
गु़लाम= दास, छोकरा, किशोर
गश़= बेहोशी, मूर्छा, नशे में उन्मत्त
गु़स्सा= क्रोध, भावुकता, रोष, चिन्ता, शोक


चकां= टपकता हुआ, स्त्रावण
चाक़= चौकन्ना, चुस्त, उद्यमी, स्वस्थ, मोटा, चुस्त-दुस्र्स्त
चाक़ू= छोटी छुरी
चीज़= वस्तु, पदार्थ, सामग्री
चितवन= आकार, दृष्टि, दिखावट
चंद= कितना, कितने, कुछ, कितनी बार, कितनी देर
चांद= चन्द्रमा
चांदनी= चन्द्रमा का प्रकाश
चादर= बिछौना, घूंघट, जलप्रपात
चांदी= चांदी (धातु), धन
चैन= आसानी, सुख, शांति, आराम
चमक= झलक, दीप्ति, जगमगाहट, चौंध
चमन= पुष्प वाटिका
चराग=़ दीपक
चारा= औषधि, चिकित्सा, सहायता, उपाय
चारागाह= गौचर भूमि
चाल= चलने का ढंग, रीति, धोखा
चालाक= चतुर, प्रवीण, र्धूत, कपटी
चिलमन= चिक
चश्म= आंख, आशा
चश्म-ए-ब ूर= नजर न लगे
चश्म-ओ-चिराग=़ आंख का प्रकाश, प्रिय
चस्मक= आंख मारना, झपक, असम्मति, मिथ्याबोध
चुस्त= सावधान, चाालाक, उद्यमी, वेगशील, तंग, तना हुआ
चह= लघुसंज्ञा बनाने के प्रयोग में आता है
चाह= इच्छा, लालसा, प्यार, आवश्यक्ता, चुनाव
चेहरा= मुख, छवि, मुखौटा

जंग= युद्ध, लड़ाई
जागीर= सम्पत्ति(भूमि की)
जिगर= यकृत, हृदय, आत्मा, मन
जज़्ब= आकर्षण, लोभ, मोह
जज़्बा= लालसा, भावना, आवेश, आवेग, चाव
जाज़िब= मनमोहक, आकर्षक
जादू= जादू, तिलिस्म, टोना, मोहना, प्रेतात्मा का प्रभाव
जुदा= विभाजित, बिखरा हुआ, अलग, पृथिक, अनूठा
जुदाई= अनुपस्थिती, अलग होना, विरह
जन्नत= स्वर्ग, उपवन
जनाज़ा= अर्थी, शवयात्रा
जनाब= श्रीमान्, माननीय
जान= आत्मा, जीवन, मन, शक्ति, प्रेमी, प्रेमिका, प्रिया, प्रिय
जानी= जीवन सम्बन्धी
जानी= एक प्रेमी या प्रेमिका
जुनून= उन्माद, पागलपन
जफ़ा= अन्याय, अत्याचार, घाव
जबीं= माथा
जमाल= सुन्दरता, सुडौलपन
जाम= प्याला
जुम्बिश= हरकत, गति
जायज़(जाईज़)= नियमानुकूल, अनुमति अनुसार
जायदाद= सम्पंत्ति, भू सम्पत्ति, वैयंक्तिक सम्पत्ति
जारी= वर्तमान, प्रचलित, आधुनिक, नित्य, लगातार
जुर्म= अपराध, दोष
जुर्माना= अर्थ दंड, हरजाना
जलाल= प्रताप, तेज, विशालता
जल्वा= चमक, प्रदर्शन, प्रताप, दिखाव
जा’ल= नकली
जवान= युवा, किशोर
जवाब= उत्तर, समता, बराबर, समानांतर
जवाहर(जवाहिर)= रत्न, मणि
(जौहर का बहुवचन)
जश्न= उत्सव, भोज
जोश= गर्मी, तत्परता, उत्साह, आवेग, लालसा
जिस्म= शरीर
जुस्तजू= खोज, पूछ ताछ, तलाश
जहन्नुम= नरक
जहाज़= पोत, नाव
जहान= संसार
जाहिल= मूर्ख, अनपढ़, जंगली अशिष्ट

ज़
ज़ौ= प्रकाश, सूर्य का प्रकाश
ज़’इफ़= निर्बल, अपंग, असहाय, क्षीणशक्ति, वृद्ध, दुर्बल
ज़ा’इ= पराजय, विनष्ट, फलहीन, व्यर्थ
ज़ाकिर= कृतज्ञ, याद करते हुए
ज़ाकिर= कृतज्ञजन, भगवान् की प्रशंसा की कविता
ज़ीक़= शोक, सन्ताप, विषाद, उदासी
ज़िक्र= स्मरण, सुध, याद, क़ुरान का पाठ
ज़ुकाम= ठंड लगना(बीमारी)
ज़ौक़= स्वाद, स्र्चि
ज़ख्म़= घाव, हानी, क्षति
ज़ात= आत्मा, स्वयं, जाति, वर्ग
ज़ाति= अंतर्जात, पैदायशी, स्वाभाविक, प्राकृतिक
ज़दा= चोट खाया हुआ, दलित
ज़ि = विपरीत, विस्र्द्ध, प्रतिकूल, असंगत, हठ
ज़ूद= शीघ्र, अचानक, तुरन्त
ज़न्जीर= कड़ी
ज़न्न= सन्देह
ज़िन्दां= कारागार, बन्दीगृह
ज़िन्दा= सजीव, प्राणी
ज़िन्दगी= जीवन, जीविका, अस्तित्व
ज़िन्हार= कभी नहीं, किसी तरह भी नहीं
ज़िन्हार= सावधान!
ज़ीनत= सजावट, सुन्दरता
ज़फ़र= विजय, जीत, लाभ
ज़ु’फ़= निर्बलता
ज़बान= जीभ, भाषा, मोमबत्ती की ज्वाला
ज़बर= श्रेष्ठ, महान, चोटी, ऊपर, उत्तम
ज़बर्दस्त= शक्तिपूर्ण, प्रबल, क्रूर, उत्तम
ज़ाबित= संचालक, स्वामी, अधिकारी
ज़ाबित= कठोर, धैर्यवान, नियम का पालन करने वाला, अनुशासक
ज़ाबिता= नियम, रीति, अनुशासन, धर्मसंहिता
ज़ेबा= अलंकृत, सुन्दर, उचित, सुशोभित
ज़माना= समय, काल, काल चक्र
ज़मानत= प्रतिज्ञापत्र, विश्वास
ज़मीन= भूमि, धरती, पृथ्वी
ज़मीर= मन, हृदय, विचार, मनन, बोध
ज़ामिन= धर्मपिता, प्रतिभू, जमानतदार, विश्वास दिलाने वाला
ज़्यादा(ज़ियादा)= अधिकता, अत्याधिकता, अतिशय
ज़िया= प्रकाश, चमक, धूमधाम
ज़ियारत= तीर्थयात्रा, धर्मस्थल पर जाना
ज़र= स्वर्ण, सोना
ज़र्ब= घाव, चोट, पिटाई, प्रभाव, चिन्ह(ज़र्बात का बहुवचन)
ज़रर= घाव, हानि, विपदा, क्षति, शोक, व्यथा, पराजय, विनाश, बरबादी
ज़रिफ़= तीक्ष्ण, सूक्ष्म, कोमल
ज़रूर= आवश्यक, उचित, योग्य, निस्संदेह रूप से, पूर्ण रूप से
ज़रूरत= आवश्यकता, विवशता, चाहत
ज़ार= रोना, विलाप, उपवन, लालसा, इच्छा
ज़ेर= हारा हुआ, दबा हुआ, कमज़ोर
ज़ोर= शक्ति, बल, प्रभाव, दबाव
ज़लाल= गलती, भूल, अवगुण, खोट
ज़लील= नीच, घृणित, दुष्ट, अधम, तुच्छ
ज़ालिम= क्रूर, अत्याचारी
ज़िल्लत= मानहानि, अपमान, अनादर, नीचता
ज़ुल्फ़= घुंघराले बाल, लटाएं, केश, छल्ला
ज़ुल्म= अत्याचार, क्रूरता
ज़ह्मत= मन की परेशानी, विपदा, दर्द
ज़हर= विष
ज़हीर= साथी, मित्र, सहयोगी
ज़ाहिर= स्पष्ट, समक्ष, प्रत्यक्ष
ज़ाहिरा= स्पष्ट रूप से, प्रत्यक्ष रूप से
जेह़न= बुद्धि, तर्क, समझ, विवेक


झऱ्फ= गहरा, भेदता हुआ, तीव्रबुद्धि
झियां= क्रोधी, भीषण, लुटेरा, दास्र्ण
झाला=ओले, ओस, कोहरा
झोलीदा= बिखरा हुआ, गूढ़, उलझा हुआ, पेचीदा


टक्कर= मुठभेड़, शत्रुता, स्पर्धा, प्रतिद्वन्दता, भिड़ना
टुकड़ा= एक भाग, एक कौर, एक अंश, खंड
टांग= लात, एक भाग
टूट= टूटना, दरार, हानि
टेढ़= चालाकी, ठगी
टपकना= रिसना, बूंद बूंद कर गिरना, फल का झरना


ठिकाना= घर, स्थान, लक्ष्य, सीमा
ठोकर= स्र्कावट, खुराघात, अटक के लुढ़कना
ठंड= शीत, शीतल


डाका= डकैती, लूट
डगर= रास्ता, पथ, सड़क
डाबर= झील, तालाब, पानी के लिये बर्तन
डर= भय


ताब= ताप, शक्ति, धीरज, क्रोध
ताबिश= ताप, वैभव, शोक, दु:ख
तासीर= प्रभाव, छाप
ताज= मुकुट
तारीख= तिथि, इतिहास वर्णक्रम से लिखा हुआ
तारीक= अन्धेरा, धुंधला
ताज़ा= नया, नरम, प्रसन्न, ताजा
ताक= दृष्टि, मान, लक्ष्य, दृष्य
तबाह= विनष्ट, बिगड़ा हुआ, बुरा, दुष्ट
तब्दील= बदलना
तबस्सुम= मुस्कुराना, प्रसन्नचित्त भाव
तज़ुर्बा= प्रयोग, प्रमाण, अनुभव, जांच
तोहफ़ा= उपहार
तख्त़= सिंहासन, आसन
तद्बीर= विमर्श, विचार, शिक्षा, उपाय, आज्ञा, प्रबन्ध
तराना= धुन, स्वर समता, एक प्रकार का गाना
तर्जुमान= अनुवादक
तर्स= भय, आंतक
तर्स= दया, कृपा, क्षमा
तरक़्क़ी= ऊंचाई, उन्नति, वृद्धि, सुधार
तरकीब= संयोजन, मिश्रण, व्यवस्था, योजना, विधि
तसल्ली= ढाढस, सन्तोष, आश्वासन
तस्लीम= नम्स्कार, अभिनन्दन, स्मर्पण, अधीनता
तश्रीफ़= सम्मान करते हुए
तिश्नगी= तृष्णा, प्यास, लालसा, अभिलाषा
तसव्वुर= कल्पना, दिवास्वप्न, विचार
तसव्वुफ़= सूफ़ीपन, रहस्यवाद, गूढ़ ज्ञान
तस्वीर= चित्र, रेखाचित्र, छवि
त’अज्जुब= अचम्भा, विस्मय, आश्चय


दाख़िल= प्रेवश करना
दाद= न्याय, बदला, दुहाई, प्रशंसा
दार= फांसी का तख्ता, लकड़ी
दार(उपसर्ग)= के साथ, जुड़ा हुआ
दार= घर, देश
दारा= अधिकारी, राजा, अधिपति
दारू= शराब, दवाई, उपचार
दास्तां= कहानी, कथा, किस्सा
दाग=़ निशान, घाव का चिन्ह, कलंक, दोष, विपदा, हानि, शोक
दाम= जाल, फन्दा
दाम= कीमत, मूल्य
दामन= आंचल, किनारा, गोद, अंक, तलहटी
दाना= बुद्धिमान, ज्ञानी
दानिस्ता= जानते हुए
दानिश= ज्ञान, विज्ञान, शिक्षा
दा’इम= अनन्त, स्थायी
दख़ल= प्रवेश करना, पहुंच, कला
दर= द्वार, दरवाज़ा


न’अश= ताबूत, शव, अर्थी
न’ईम= आनन्द, सुलभता, शान्ति
ना= (नकारत्मक) नहीं, न
नाआश्ना= अजनबी, अपरिचित
नाइत्तिफ़ाक़ी= असहमति, मतभेद
नाइन्साफ़ी= अन्याय
नाइब= सहायक, प्रतिनिधि, उपअधिकारी
नाओ= नाव, पोत, जहाज
नाओनोश= बहुत शराब पीना, दावत उड़ाते हुए
नाउम्मीद= निराशा, आशाहीन
नि’अम= लाभ, हित
नौ= नया, ताजा, कच्चा
नक्बत= दुर्भाग्य, विपदा
नक़्ल= वर्णन, कथा, अनुकरण, प्रतिरूप
नक़्ली= बनावटी, कृत्रिम, जाली, झूठा
नक़्श= चित्र, चिन्ह, नक्शा
नक़्शा= चित्र, छवि, नमूना, रूप उदाहरण
नाक(शब्द के अन्त में)= द्वारा प्रभावित, से भरा हुआ
नाक़द्र= अधन्यवादी
नाक़ाबिल= अयोग्य, अनुपयुक्त, अक्षम
नाकाम= असफल
नाकस= मूल्यहीन, घटिया
निकाह= विवाह
नुक्ता= सूक्ष्मता, गूढ़ता, टिप्पणी
नुक्ताचीं= दोष लगाने वाला, समीक्षा करने का इच्छुक
नुक्तादां= बुद्धिमान
नुक्ताबीं= अतिअलोचनात्मक
नुक़्सान= हानि
नेक= अच्छा, भाग्यवान, पुण्यात्मा, सच्चिरित्र
नख़रा= अकड़पन, चालाकी, बहाना, डींग हांकना
नाख़ुशी= अप्रसन्नता, अप्रियता
नाखून= नख, पंजा
नग्म्ा़ा= धुन, गाना, संगीत का सुर
नागवार= अरूचिकर, बेस्वाद
निगार= चित्र, छवि, प्रेमिका, प्रिय
निगाह= दृष्टि, दृश्य, रक्षण, देख भाल
निगाहबां= रक्षक, देख भाल करने वाला
नाच= नृत्य
नाचार= अक्षम, निर्बल, लाचार, असहाय
नाचीज़= तुच्छ, मूल्यहीन
नज़दीक= समीप
नज्म= तारा, ग्रह, भविष्य, कुंडली
नज्म्ा़= कविता, छन्द, क्रम, प्रबन्ध
नज़र= दृष्टि, दीखना, कृपा, दृश्य, उ ेश्य, अनुग्रह
नज़ाकत=स्वच्छता, नम्रता, कोमलता
नज़ाफ़त= शुद्धता, स्वच्छता
नज़ारा= दृश्य
नजीब= श्लाघापात्र, उत्तम, कृपालु
नाज़= गर्व, घमंड, कोमलता, सुन्दरता, शेखी, अकड़
नाजाइज़(नाजायज़)= अनुचित
नाज़िश= घमंड, गर्व
नाज़ुक= पतला, दुबला, कोमल, सहज में टूटने वाला
निज़ाम= प्रणाली, क्रम, रीति, प्रबन्ध
नौजवानी= यौवन, तस्र्णाई
नताईज= परिणाम, फल (नतीजा का बहुवचन)
नतीजा= परिणाम
नातमाम= अपूर्ण
नातर्स= कठोर हृदय, दयाहीन, कठोर
नातवानी= अक्षमता, निर्बलता, असामर्थ्य
नाता= सम्बन्ध, मित्रता, सम्बन्धी, मोह
नाताक़त= अशक्त, क्षीण
नदीम= घनिष्ठ मित्र
नादान्स्तिा= अज्ञानतावश, अनजाने में
नादानी= अज्ञानता, अनाड़ीपन
नादारी= गरीबी, निर्धनता, दीनता
नादिम= लज्जाशील, नम्र, लज्जित
नादिर=दुर्लभ, अमूल्य, अनूठा
नादीदा= लालची
नौनिहाल= पौधा, पनीरी, किशोर
नापसन्द= अस्वीकृत, भ ा, घृणित
नापाइदारी= निर्बलता, अयोग्यता
नफ़रत= घृणा, अस्र्चि, भय, त्रास
नफ़्स= आत्मा, सार, प्राण
नाफ़र्मान= आज्ञा न मानने वाला
नाफ़हम= मूर्ख
नाफ़िज़= प्रभाव होना, भेदता हुआ
नब्ज़= नाड़ी की गति, नाड़ी की धड़कन
नबी= ईश्वरदूत, भविष्यद्वक्ता
नाबूद= अस्तित्वहीन, लुप्त, नष्ट
नौबहार= वसन्त का आरम्भ
नौबत= बारी, पारी, समय
नम= गीलापन, भीगा हुआ, सीलन
नम= गीला, तर, सीला
नमाज़= प्रार्थना
नुमा’इश= दीखाना, तमाशा, दृष्य
नमूना= उदाहरण, प्रतिरूप, मिसाल
नाम= नाम, उपाधि, प्रतिष्ठा, प्रसिद्धि
नामन्ज़ूर= निषेधित, वर्जित
नामर्द= नपुंसक
नामा= पुस्तक, इतिहास, लेख, निबंध
नामालूम= अनजाना
नामुमकिन= असम्भव
नामुराद= असन्तुष्ट
निम= मध्य, आधा
नायाब= दुर्लभ, असाधारण, दुष्प्राप्य
नियाज़= इच्छा, अनुरोध, निर्धनता, आवश्यकता
नियूश= श्रोता, सुनते हुए
नीय्यत= उ ेश, लक्ष्य, आशय, इरादा
नर= नर, पुस्र्ष
नर्म= मुलायम, कोमल, धीमा
नर्गिस= एक किस्म का फूल, प्रेयसी की आंख
नार= अग्नि, नरक
नाराज़ी= असन्तुष्टता
नारास्ती= कपटता, बेईमानी
निराली= अनूठी, दुर्लभ, असाधारण
नूर= प्रकाश
नालां= विलाप करते हुए, सुबकते हुए
नालायक़= अयोग्य, अनुपयुक्त
नालिश= आरोप, शिकायत करना
नीलाम= बोली लगा कर बेचना
नवाज़िश= कृपा, दयालुता, संरक्षता
नशा= उन्मत्तता, गर्व, घमंड
नशीन= बैठा हुआ
नाशाद= अप्रसन्न, उल्लासहीन, निस्र्त्साह
नाशिनास= अज्ञानी
नाशुक्र= कृतघ्न, अधन्यवादी
निशान= चिन्ह, संकेत, लक्ष्य, घाव का चिन्ह, दाग, लक्षण
निशानी= चिन्ह, यादगार
नसीब= भाग्य, भविष्य, होनी
नसीम= मन्द समीर, पछुवा हवा, पश्चिमी वायु
नसीहत= मन्त्रणा, परामर्श, उपदेश
नासबूर= अधीर, व्याकुल
नासमझ= अज्ञानी, बुद्धिहीन, मूर्ख
नासाज़= असन्तुष्ट, अस्वस्थ, असभ्य
नासाफ़= गन्दा, अशुद्ध, अपवित्र
नासूत= मानवता, मानव प्रकृति
निस्बत= सम्बन्ध, स्मोह, सम्बन्ध लगाना, तुलना
निसार= फेंकना, बिखेरना, न्यौछावर करना, छिटकना
नुसर्त= विजय
निहां= गुप्त, परोक्ष, अप्रकट


पा= टांग, पांव, पेड़ की जड
पाक= धार्मिक, पवित्र, शुद्ध, निर्मल
पाकीज़ा= शुद्ध, स्वच्छ, निर्मल
पागल= उन्मादी, मूर्ख
पैगा़म= संदेश, समाचार, विमश
पानी= जल, वर्षा, चमक, चरित्र, मर्यादा
पनाह= शरण, सुरक्षा, आश्रम
पाबन्द= बन्धित, जंजीर में जकड़ा हुआ, अधीन
पामाल= पैरों के नीचे कुचला हुआ, नष्ट हुआ
पैमान= वचन, प्रतिज्ञा, सन्धि, स्वीकृति, पुष्टिकरण
पयाम= संदेश
पायाब=कम गहरा, मानव की गहराई
परख़ना= परीक्षा लेना
पर्दा= चिक, घूघंट, गुप्तता, एकान्तता, ओट
परवरिश= पालना, पोषण करना, पोषण, रक्षा करना
परवाना= पतंगा, अधिकार, आज्ञा, प्रेमी
परस्तिश= पूजा, अराधना
पार= दूसरा किनारा, अन्त, समाप्ति
पारदारी= पक्षपात, पक्ष, अनुग्रह
परीवश= सुन्दर, परी जैसी
परेशान= व्याकुल, चिन्तित
पल= क्षण
पलक= बरौनी, एक क्षण, निमिष
पशेमान= पश्चातापी, लज्जित, पछतावा करने वाला
पेशा= कला, व्यवसाय, काम-धन्धा
पसंद= चाहत, स्वीकृति, ग्राह्यता
पसीना= स्वेद
पास= रक्षण, निरीक्षण, ध्यान करना
पासबान= संतरी, चौकीदार
पहलू= पक्ष, लाभ, सेना का पक्ष

फ़
फ़ाइक़(फ़ायक़)= श्रेष्ठ, महान
फ़ाइदा(फ़ायदा)= लाभ, हित, उपयोगिता
फ़क्र= निर्धनता
फ़ाक़ा= भूख, व्रत, निर्धनता
फ़िक्र= विचार, चिन्ता, मति, राय
फ़ख्ऱ= मान,अहंकार यश, गौरव
फ़ाख़िर= अभिमानी
फ़िगार= दु:खित, घायल, चिन्तित
फ़ुगां= दर्द भरी पुकार, स्र्दन, गोहार
फ़ज़= स्र्दन, रोना, विलाप
फ़ज़ल= श्रेष्ठता, गुण, सुबुद्धि, पुण्य
फ़ाज़िल= प्रवीण, निपुण, सच्चरित्र
फ़ैज़= स्वतन्त्रता, सुन्दरता, उदारता
फ़ौज= सेना, भीड़, जनता
फ़त्वा= न्यायिक आदेश
फ़ित्ना= विद्रोह, दंगा, लुभाव, झगड़ा, बुरापन
फ़ितरत= स्वभाव, कपट, रचना, बुद्धि
फ़िदा= बलि, फिरौती, श्रद्धा, परिवर्तन
फ़िदाई= प्रेमी
फ़ऱ्क= अन्तर, दूरी, जुदाई, दोष
फ़ऱ्ज= कर्तव्य, नौतिक कर्तव्य, नियम
फ़र्माइश= वस्तुआें की मांग, प्रयोजन, आनन्द, इच्छा
फ़र्मान= आदेश, राजघोषणा
फ़र्याद(फ़रियाद)= दुखड़ा कहना, पुकार
फ़रिश्ता= देवदूत, संदेश लाने वाला दूत, ईश्वरदूत, भविष्यद्वक्ता
फ़रेब= धोखा, चालाकी, ठगी, कपट
फ़रो= नीच
ेफ़िरदौस= स्वर्ग, उपवन
फ़िराक़= जुदाई, चिन्ता, विरह, दूरी, अनुपस्थिती
फ़ुऱ्कत= जुदाई, अनुपस्थिती(प्रेम में), विरह
फ़ुर्सत= अवसर, अवकाश, विश्राम
फ़ौरन= तुरन्त, शीघ्रता से, स्पष्टता से
फ़लक= आकाश, स्वर्ग, भाग्य
फ़ुवाद= हृदय
फ़ाश= सन्मुख, ज्ञात, प्रसिद्ध
फ़साना= प्रेमकथा, कहानी, किस्सा
फ़ासिला= दूरी, अन्तर, पृथकता
फ़ैसला= निर्णय, आदेश, सन्धि
फ़हम= समझ, बुद्धि


ब= द्वारा, साथ, से, में, अन्दर, समीप, ऊपर, के लिए, के तरफ़ (उपसर्ग में प्रयोग होता है)
बा= के साथ, के द्वारा, का अधिकारी
बि=द्वारा, साथ, से, में, अन्दर, समीप , ऊपर, के लिए, के तरफ़ (उपसर्ग में प्रयोग होता है)
बे=(उपसर्ग) बिना, न होना
बे अदब= अशिष्ट, असभ्य
बे आबरू= नीच, कलंकित अपमानकारक
बे अन्दाज़ा= अन्तहीन, अपार
बे इख्त़ियारी= असहाय
बे इज़्ज़त= अप्रतिष्ठित, मान रहित
बे इत्तिफ़ाक़ी= फूट, मतभेद
बे इन्साफ़= अन्याय
बे इम्तियाज़= अविवेकी, बुद्धिहीन
बे इमान= अविश्वसनीय, झूठा, ठग
बे इहतियाती= असावधान
बे एतिबार= अविश्वसनीय, विश्वास न करना
बांका= धोखेबाज, मुड़ा हुआ, कपटी, चालाक
बाक़ी= अनन्त, शेष, बकाया
बे क़द्र= निर्मूल्य
बे क़रार= बेचैन, उतावला
बे कस= अकेला, मित्रहीन
बे कार= व्यर्थ, बेरोजगार, आलसी
बे क़ुसूर= निर्दोष, नाद
बख्त़= सौभाग्य, भाग्य, समृद्धि
बख्श़ीश= उपहार, दान, पारितोषिक
बे ख़ता= निर्दोष, निरपराध
बे ख़ुद= बेसुध, आनन्दमग्न, बेहोश
बे ख़बर= असावधान, मूर्ख, अज्ञानी
बुखार= भाप, तापमान, ज्वर, क्रोध
बगल़= पक्ष, बगल
बगा़वत= विद्रोह, राजद्रोह, विश्वासघात
बाग=़ उपवन, पेड़ों का झुरमुट, कुञ्ज
बे गम़= प्रसन्न
बे गा़ना= अपरिचित, विदेशी
बे गुनाह= निर्दोष
बच्चा= शिशु
बे चैन= उतावला, व्याकुल, व्यग
बज़्म= सभा, टोली (दावत या मनोरंजन के लिये)
बाज़=करने वाला, कर्ता, प्रतिनिधी
बाज़=स्येनपक्षी, शिकारा
बाज़= दुबारा, वापिस, नकारना
बाज़ार= मण्डी
बाज़ारी= घटिया, अशिष्ट, भ ी, साधारण, मण्डी से सम्बन्धित
बाज़ी= खेल, शर्त, दांव
बाज़ीचा= खिलौना, आमोद, खेल
बाज़ू= बांह, भुजा, द्वार का पल्ला, सेना का पक्ष
बे ज़र= निर्धन, कंगाल
बे ज़बान= गूंगा, संकोची, अवाक्
बे जान= निर्जीव
बे ज़ार= अप्रसन्न, क्रोधी
बुज़ुर्र्ग= महान, आदरणीय, वृद्ध, श्रेष्ठजन
बे जुर्म= निरपराध, निर्दोष
बढ़िया= श्रेष्ठतर, अच्छे गुणों वाला, मंहगा
बात=शब्द, कहावत, वाणी, कथा, प्रश्न, समाचार, व्यापारिक प्रस्ताव, गप, नुक्ता, सार
बे ताक़त= शक्तिहीन
बे ताब= उतावला, असहाय, बेचैन
बे तमीज़= अशिष्ट, असभ्य
बे तासीर= निष्प्रभाव, व्यथ
र्बैत= घर, निवास
बैत= जोड़ा, छन्द (कविता)
बद= बुरा, कपटी
बद अख्त़र= अभागा
बद अन्जाम= बुरा अन्त
बद ख्व़ाब= कुस्वप्न
बद चलन= चरित्रहीन, अशिष्ट, दुराचारी
बद तर= अधिक बुरा, घटिया
बददुआ= श्राप
बदन= शरीर
बदनसीब= दुर्भाग्य वाला
बदनाम= कुप्रसिद्ध, अपयश वाला, निन्दनीय
बदमाश= गुंडा
बदला= प्रतिशोध
बद्र= पूर्ण चन्द्रमा
बद सीरत= बुरे स्वभाव वाला
बद सूरत= कुरूप
बाद= पवन, वायु, मन्द समीर
बादल= मेघ
बादशाह= राजा, सम्राट
बादा= शराब, मदिरा
बादिया= उजाड़, मस्र्स्थल
बादिया= प्याला
बे दर्द= भावना रहित, निर्दय, अत्याचारी
बे दाग=़ नादान, निर्दोष, स्वच्छ
बे दाद= अन्याय, असमता, अत्याचार
बे दार= जागृत, चौकन्ना
बूद= अस्तित्व, होना
बन्दा= बन्धक, सेवक, मनुष्य
बन्दिगी= श्रद्धा, पूजा, सेवा
बन्दिश= रचना, शैली की सुन्दरता, योजना, स्र्कावट
बान= रक्षक
बानो= संभ्रान्त महिला, कुलीन स्त्री
बे नज़ीर= अनुपम, अनूठा, जिसके कोई बराबर का न हो
बे नसीब= अभागा

प्रतिनिधि, उपअधिकारी
नाओ= नाव, पोत, जहाज
नाओनोश= बहुत शराब पीना, दावत उड़ाते हुए
नाउम्मीद= निराशा, आशाहीन
नि’अम= लाभ, हित
नौ= नया, ताजा, कच्चा
नक्बत= दुर्भाग्य, विपदा
नक़्ल= वर्णन, कथा, अनुकरण, प्रतिरूप
नक़्ली= बनावटी, कृत्रिम, जाली, झूठा
नक़्श= चित्र, चिन्ह, नक्शा
नक़्शा= चित्र, छवि, नमूना, रूप उदाहरण
नाक(शब्द के अन्त में)= द्वारा प्रभावित, से भरा हुआ
नाक़द्र= अधन्यवादी
नाक़ाबिल= अयोग्य, अनुपयुक्त, अक्षम
नाकाम= असफल
नाकस= मूल्यहीन, घटिया
निकाह= विवाह
नुक्ता= सूक्ष्मता, गूढ़ता, टिप्पणी
नुक्ताचीं= दोष लगाने वाला, समीक्षा करने का इच्छुक
नुक्तादां= बुद्धिमान
नुक्ताबीं= अतिअलोचनात्मक
नुक़्सान= हानि
नेक= अच्छा, भाग्यवान, पुण्यात्मा, सच्चिरित्र
नख़रा= अकड़पन, चालाकी, बहाना, डींग हांकना
नाख़ुशी= अप्रसन्नता, अप्रियता
नाखून= नख, पंजा
नग्म्ा़ा= धुन, गाना, संगीत का सुर
नागवार= अरूचिकर, बेस्वाद
निगार= चित्र, छवि, प्रेमिका, प्रिय
निगाह= दृष्टि, दृश्य, रक्षण, देख भाल
निगाहबां= रक्षक, देख भाल करने वाला
नाच= नृत्य
नाचार= अक्षम, निर्बल, लाचार, असहाय
नाचीज़= तुच्छ, मूल्यहीन
नज़दीक= समीप
नज्म= तारा, ग्रह, भविष्य, कुंडली
नज्म्ा़= कविता, छन्द, क्रम, प्रबन्ध
नज़र= दृष्टि, दीखना, कृपा, दृश्य, उ ेश्य, अनुग्रह
नज़ाकत=स्वच्छता, नम्रता, कोमलता
नज़ाफ़त= शुद्धता, स्वच्छता
नज़ारा= दृश्य
नजीब= श्लाघापात्र, उत्तम, कृपालु
नाज़= गर्व, घमंड, कोमलता, सुन्दरता, शेखी, अकड़
नाजाइज़(नाजायज़)= अनुचित
नाज़िश= घमंड, गर्व
नाज़ुक= पतला, दुबला, कोमल, सहज में टूटने वाला
निज़ाम= प्रणाली, क्रम, रीति, प्रबन्ध
नौजवानी= यौवन, तस्र्णाई
नताईज= परिणाम, फल (नतीजा का बहुवचन)
नतीजा= परिणाम
नातमाम= अपूर्ण
नातर्स= कठोर हृदय, दयाहीन, कठोर
नातवानी= अक्षमता, निर्बलता, असामर्थ्य
नाता= सम्बन्ध, मित्रता, सम्बन्धी, मोह
नाताक़त= अशक्त, क्षीण
नदीम= घनिष्ठ मित्र
नादान्स्तिा= अज्ञानतावश, अनजाने में
नादानी= अज्ञानता, अनाड़ीपन
नादारी= गरीबी, निर्धनता, दीनता
नादिम= लज्जाशील, नम्र, लज्जित
नादिर=दुर्लभ, अमूल्य, अनूठा
नादीदा= लालची
नौनिहाल= पौधा, पनीरी, किशोर
नापसन्द= अस्वीकृत, भ ा, घृणित
नापाइदारी= निर्बलता, अयोग्यता
नफ़रत= घृणा, अस्र्चि, भय, त्रास
नफ़्स= आत्मा, सार, प्राण
नाफ़र्मान= आज्ञा न मानने वाला
नाफ़हम= मूर्ख
नाफ़िज़= प्रभाव होना, भेदता हुआ
नब्ज़= नाड़ी की गति, नाड़ी की धड़कन
नबी= ईश्वरदूत, भविष्यद्वक्ता
नाबूद= अस्तित्वहीन, लुप्त, नष्ट
नौबहार= वसन्त का आरम्भ
नौबत= बारी, पारी, समय
नम= गीलापन, भीगा हुआ, सीलन
नम= गीला, तर, सीला
नमाज़= प्रार्थना
नुमा’इश= दीखाना, तमाशा, दृष्य
नमूना= उदाहरण, प्रतिरूप, मिसाल
नाम= नाम, उपाधि, प्रतिष्ठा, प्रसिद्धि
नामन्ज़ूर= निषेधित, वर्जित
नामर्द= नपुंसक
नामा= पुस्तक, इतिहास, लेख, निबंध
नामालूम= अनजाना
नामुमकिन= असम्भव
नामुराद= असन्तुष्ट
निम= मध्य, आधा
नायाब= दुर्लभ, असाधारण, दुष्प्राप्य
नियाज़= इच्छा, अनुरोध, निर्धनता, आवश्यकता
नियूश= श्रोता, सुनते हुए
नीय्यत= उ ेश, लक्ष्य, आशय, इरादा
नर= नर, पुस्र्ष
नर्म= मुलायम, कोमल, धीमा
नर्गिस= एक किस्म का फूल, प्रेयसी की आंख
नार= अग्नि, नरक
नाराज़ी= असन्तुष्टता
नारास्ती= कपटता, बेईमानी
निराली= अनूठी, दुर्लभ, असाधारण
नूर= प्रकाश
नालां= विलाप करते हुए, सुबकते हुए
नालायक़= अयोग्य, अनुपयुक्त
नालिश= आरोप, शिकायत करना
नीलाम= बोली लगा कर बेचना
नवाज़िश= कृपा, दयालुता, संरक्षता
नशा= उन्मत्तता, गर्व, घमंड
नशीन= बैठा हुआ
नाशाद= अप्रसन्न, उल्लासहीन, निस्र्त्साह
नाशिनास= अज्ञानी
नाशुक्र= कृतघ्न, अधन्यवादी
निशान= चिन्ह, संकेत, लक्ष्य, घाव का चिन्ह, दाग, लक्षण
निशानी= चिन्ह, यादगार
नसीब= भाग्य, भविष्य, होनी
नसीम= मन्द समीर, पछुवा हवा, पश्चिमी वायु
नसीहत= मन्त्रणा, परामर्श, उपदेश
नासबूर= अधीर, व्याकुल
नासमझ= अज्ञानी, बुद्धिहीन, मूर्ख
नासाज़= असन्तुष्ट, अस्वस्थ, असभ्य
नासाफ़= गन्दा, अशुद्ध, अपवित्र
नासूत= मानवता, मानव प्रकृति
निस्बत= सम्बन्ध, स्मोह, सम्बन्ध लगाना, तुलना
निसार= फेंकना, बिखेरना, न्यौछावर करना, छिटकना
नुसर्त= विजय
निहां= गुप्त, परोक्ष, अप्रकट


पा= टांग, पांव, पेड़ की जड
पाक= धार्मिक, पवित्र, शुद्ध, निर्मल
पाकीज़ा= शुद्ध, स्वच्छ, निर्मल
पागल= उन्मादी, मूर्ख
पैगा़म= संदेश, समाचार, विमश
पानी= जल, वर्षा, चमक, चरित्र, मर्यादा
पनाह= शरण, सुरक्षा, आश्रम
पाबन्द= बन्धित, जंजीर में जकड़ा हुआ, अधीन
पामाल= पैरों के नीचे कुचला हुआ, नष्ट हुआ
पैमान= वचन, प्रतिज्ञा, सन्धि, स्वीकृति, पुष्टिकरण
पयाम= संदेश
पायाब=कम गहरा, मानव की गहराई
परख़ना= परीक्षा लेना
पर्दा= चिक, घूघंट, गुप्तता, एकान्तता, ओट
परवरिश= पालना, पोषण करना, पोषण, रक्षा करना
परवाना= पतंगा, अधिकार, आज्ञा, प्रेमी
परस्तिश= पूजा, अराधना
पार= दूसरा किनारा, अन्त, समाप्ति
पारदारी= पक्षपात, पक्ष, अनुग्रह
परीवश= सुन्दर, परी जैसी
परेशान= व्याकुल, चिन्तित
पल= क्षण
पलक= बरौनी, एक क्षण, निमिष
पशेमान= पश्चातापी, लज्जित, पछतावा करने वाला
पेशा= कला, व्यवसाय, काम-धन्धा
पसंद= चाहत, स्वीकृति, ग्राह्यता
पसीना= स्वेद
पास= रक्षण, निरीक्षण, ध्यान करना
पासबान= संतरी, चौकीदार
पहलू= पक्ष, लाभ, सेना का पक्ष

फ़
फ़ाइक़(फ़ायक़)= श्रेष्ठ, महान
फ़ाइदा(फ़ायदा)= लाभ, हित, उपयोगिता
फ़क्र= निर्धनता
फ़ाक़ा= भूख, व्रत, निर्धनता
फ़िक्र= विचार, चिन्ता, मति, राय
फ़ख्ऱ= मान,अहंकार यश, गौरव
फ़ाख़िर= अभिमानी
फ़िगार= दु:खित, घायल, चिन्तित
फ़ुगां= दर्द भरी पुकार, स्र्दन, गोहार
फ़ज़= स्र्दन, रोना, विलाप
फ़ज़ल= श्रेष्ठता, गुण, सुबुद्धि, पुण्य
फ़ाज़िल= प्रवीण, निपुण, सच्चरित्र
फ़ैज़= स्वतन्त्रता, सुन्दरता, उदारता
फ़ौज= सेना, भीड़, जनता
फ़त्वा= न्यायिक आदेश
फ़ित्ना= विद्रोह, दंगा, लुभाव, झगड़ा, बुरापन
फ़ितरत= स्वभाव, कपट, रचना, बुद्धि
फ़िदा= बलि, फिरौती, श्रद्धा, परिवर्तन
फ़िदाई= प्रेमी
फ़ऱ्क= अन्तर, दूरी, जुदाई, दोष
फ़ऱ्ज= कर्तव्य, नौतिक कर्तव्य, नियम
फ़र्माइश= वस्तुआें की मांग, प्रयोजन, आनन्द, इच्छा
फ़र्मान= आदेश, राजघोषणा
फ़र्याद(फ़रियाद)= दुखड़ा कहना, पुकार
फ़रिश्ता= देवदूत, संदेश लाने वाला दूत, ईश्वरदूत, भविष्यद्वक्ता
फ़रेब= धोखा, चालाकी, ठगी, कपट
फ़रो= नीच
ेफ़िरदौस= स्वर्ग, उपवन
फ़िराक़= जुदाई, चिन्ता, विरह, दूरी, अनुपस्थिती
फ़ुऱ्कत= जुदाई, अनुपस्थिती(प्रेम में), विरह
फ़ुर्सत= अवसर, अवकाश, विश्राम
फ़ौरन= तुरन्त, शीघ्रता से, स्पष्टता से
फ़लक= आकाश, स्वर्ग, भाग्य
फ़ुवाद= हृदय
फ़ाश= सन्मुख, ज्ञात, प्रसिद्ध
फ़साना= प्रेमकथा, कहानी, किस्सा
फ़ासिला= दूरी, अन्तर, पृथकता
फ़ैसला= निर्णय, आदेश, सन्धि
फ़हम= समझ, बुद्धि


ब= द्वारा, साथ, से, में, अन्दर, समीप, ऊपर, के लिए, के तरफ़ (उपसर्ग में प्रयोग होता है)
बा= के साथ, के द्वारा, का अधिकारी
बि=द्वारा, साथ, से, में, अन्दर, समीप , ऊपर, के लिए, के तरफ़ (उपसर्ग में प्रयोग होता है)
बे=(उपसर्ग) बिना, न होना
बे अदब= अशिष्ट, असभ्य
बे आबरू= नीच, कलंकित अपमानकारक
बे अन्दाज़ा= अन्तहीन, अपार
बे इख्त़ियारी= असहाय
बे इज़्ज़त= अप्रतिष्ठित, मान रहित
बे इत्तिफ़ाक़ी= फूट, मतभेद
बे इन्साफ़= अन्याय
बे इम्तियाज़= अविवेकी, बुद्धिहीन
बे इमान= अविश्वसनीय, झूठा, ठग
बे इहतियाती= असावधान
बे एतिबार= अविश्वसनीय, विश्वास न करना
बांका= धोखेबाज, मुड़ा हुआ, कपटी, चालाक
बाक़ी= अनन्त, शेष, बकाया
बे क़द्र= निर्मूल्य
बे क़रार= बेचैन, उतावला
बे कस= अकेला, मित्रहीन
बे कार= व्यर्थ, बेरोजगार, आलसी
बे क़ुसूर= निर्दोष, नाद
बख्त़= सौभाग्य, भाग्य, समृद्धि
बख्श़ीश= उपहार, दान, पारितोषिक
बे ख़ता= निर्दोष, निरपराध
बे ख़ुद= बेसुध, आनन्दमग्न, बेहोश
बे ख़बर= असावधान, मूर्ख, अज्ञानी
बुखार= भाप, तापमान, ज्वर, क्रोध
बगल़= पक्ष, बगल
बगा़वत= विद्रोह, राजद्रोह, विश्वासघात
बाग=़ उपवन, पेड़ों का झुरमुट, कुञ्ज
बे गम़= प्रसन्न
बे गा़ना= अपरिचित, विदेशी
बे गुनाह= निर्दोष
बच्चा= शिशु
बे चैन= उतावला, व्याकुल, व्यग
बज़्म= सभा, टोली (दावत या मनोरंजन के लिये)
बाज़=करने वाला, कर्ता, प्रतिनिधी
बाज़=स्येनपक्षी, शिकारा
बाज़= दुबारा, वापिस, नकारना
बाज़ार= मण्डी
बाज़ारी= घटिया, अशिष्ट, भ ी, साधारण, मण्डी से सम्बन्धित
बाज़ी= खेल, शर्त, दांव
बाज़ीचा= खिलौना, आमोद, खेल
बाज़ू= बांह, भुजा, द्वार का पल्ला, सेना का पक्ष
बे ज़र= निर्धन, कंगाल
बे ज़बान= गूंगा, संकोची, अवाक्
बे जान= निर्जीव
बे ज़ार= अप्रसन्न, क्रोधी
बुज़ुर्र्ग= महान, आदरणीय, वृद्ध, श्रेष्ठजन
बे जुर्म= निरपराध, निर्दोष
बढ़िया= श्रेष्ठतर, अच्छे गुणों वाला, मंहगा
बात=शब्द, कहावत, वाणी, कथा, प्रश्न, समाचार, व्यापारिक प्रस्ताव, गप, नुक्ता, सार
बे ताक़त= शक्तिहीन
बे ताब= उतावला, असहाय, बेचैन
बे तमीज़= अशिष्ट, असभ्य
बे तासीर= निष्प्रभाव, व्यथ
र्बैत= घर, निवास
बैत= जोड़ा, छन्द (कविता)
बद= बुरा, कपटी
बद अख्त़र= अभागा
बद अन्जाम= बुरा अन्त
बद ख्व़ाब= कुस्वप्न
बद चलन= चरित्रहीन, अशिष्ट, दुराचारी
बद तर= अधिक बुरा, घटिया
बददुआ= श्राप
बदन= शरीर
बदनसीब= दुर्भाग्य वाला
बदनाम= कुप्रसिद्ध, अपयश वाला, निन्दनीय
बदमाश= गुंडा
बदला= प्रतिशोध
बद्र= पूर्ण चन्द्रमा
बद सीरत= बुरे स्वभाव वाला
बद सूरत= कुरूप
बाद= पवन, वायु, मन्द समीर
बादल= मेघ
बादशाह= राजा, सम्राट
बादा= शराब, मदिरा
बादिया= उजाड़, मस्र्स्थल
बादिया= प्याला
बे दर्द= भावना रहित, निर्दय, अत्याचारी
बे दाग=़ नादान, निर्दोष, स्वच्छ
बे दाद= अन्याय, असमता, अत्याचार
बे दार= जागृत, चौकन्ना
बूद= अस्तित्व, होना
बन्दा= बन्धक, सेवक, मनुष्य
बन्दिगी= श्रद्धा, पूजा, सेवा
बन्दिश= रचना, शैली की सुन्दरता, योजना, स्र्कावट
बान= रक्षक
बानो= संभ्रान्त महिला, कुलीन स्त्री
बे नज़ीर= अनुपम, अनूठा, जिसके कोई बराबर का न हो

मैं मरणासन्न इगलास डाकघर

150 से अधिक वर्षों के लिए, मैं डाक विभाग देश की रीढ़ हूँ। मैंने संचार के क्षेत्र में देश में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं कई मायनों में भारतीय नागरिकों के जीवन को छूता हूँ: मेल डिलीवर करना, लघु बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करना, डाक जीवन बीमा (PLI) और ग्रामीण डाक जीवन बीमा (RPLI) के तहत जीवन बीमा कवर प्रदान करना और बिल जैसी रिटेल सेवाएं प्रदान करना संग्रह, प्रपत्रों की बिक्री, आदि सेवाएं मैं प्रदान करता हूँ।  महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) वेतन वितरण और वृद्धावस्था पेंशन भुगतान जैसे नागरिकों के लिए अन्य सेवाओं के निर्वहन में भारत सरकार के लिए मैं एक एजेंट के रूप में कार्य करता हूँ।मेरा लगभग 1,55,531 पोस्ट कार्यालयों के साथ, दुनिया में सबसे व्यापक रूप से वितरित डाक नेटवर्क है ।
        मैं अलीगढ़ स्थित इगलास डाकघर इसी की एक शाखा हूँ।
      मैं इस समय मरणासन्न स्थितियों से गुज़र रहा हूँ। मेरे मरणासन्न होने का कारण मेरे डॉक्टररूपी कर्मचारियों का गैरजिम्मेदार होना। मेरा जीवन मेरी योजनाएं हैं लेकिन कोई भी सुचारूरूप से क्रियान्वित नहीं हो रही है।यहाँ डाक रजिस्ट्री नहीं होती है। मुझे बड़ा दुःख होता है जब कोई व्यक्ति यहाँ डाक रजिस्ट्री  के लिए आता है और नेट न होने का बहाना करके उसे तहसील पर भेज दिया जाता है। कुछ बार के बाद वो रजिस्ट्री के लिए आना छोड़ देता है। 
        मेरे पास 10 रुपये के पोस्टल आर्डर के लिए लोग आते है और मायूस होकर लौट जाते है। 
 रेवेन्यू टिकट के लिए आने वाले मेरे प्रिय ग्राहकों को मायूस होकर लौटना पड़ता है।
     पोस्टकार्ड के लिए जो आता है उसे भी पोस्टकार्ड नहीं मिलता है।
R.D. और NSC का भुगतान के भुगतान के लिए मेरे प्रिय ग्राहकों को महीनों दौड़ना पड़ता है। अनन्तः मेरे प्रिय ग्राहक इन सेवाओं को यहां से न लेने का निर्णय कर लेते है।
 बड़ा दुःख होता है जब RPLI (रूरल पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस) तथा PLI (पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस) के लिए अलीगढ़ या हाथरस भेज दिया जाता हैं 
राजेश कुमार डाक सहायक के व्यवहार से मैं ही नही मेरे प्रिय ग्राहक भी दुखी होते हैं मैं जार -जार  रोता हूँ , मेरी सिसकियाँ केवल मेरे दुखी और लाचार ग्राहकों को सुनाई देती हैं  

मेरे बच्चे तू अनमोल

भविष्य तेरे समक्ष खड़ा है,
फिर भी तू चुपचाप पड़ा है।
तेरा भुजबल बहुत बड़ा है,
हर पल है अनमोल।
उठ खड़ा हो आंखें खोल,
मेरे बच्चे  तू अनमोल।

तू अलसाया क्यों पड़ा है,
बहुत हुआ अब क्या होना है,
बचा-खुचा भी क्या खोना है,
तू अब भी 'सोना' है,
तू अपने को तोल।
उठ खड़ा हो आंखें खोल,
मेरे बच्चे तू अनमोल।

मातु-पिता ने कुल की,
अब तो तू जय बोल ।
ऐसी तेरी नींव पड़ी है,
जिस पर कुल की डोर बंधी है।
तू उन्हें मत खोल ।
उठ खड़ा हो आंखें खोल,
मेरे बच्चे तू अनमोल।

तुम अब भी सोना है,
तू अपने को तोल।
सबकी आंखों से देख स्वयं को,
तेरा वैभव है अनमोल।
उठ खड़ा हो आंखें खोल,
मेरे बच्चे तू अनमोल।


नए वर्ष का प्रारंभ कैसे एक नयी उमंग और नए जोश से करें-


 नए वर्ष का प्रारंभ कैसे एक नयी उमंग और नए जोश से करें-

            नए वर्ष के आने की प्रसन्नता को मनाने के बाद समय आता है, उस नए वर्ष के पहले दिन में किये गए उन सभी संकल्पों  पर काम करने का जिन्हें हम करना है।अगर आप अपने इस साल की सुन्दर शुरुआत करना चाहते हैं तो अपने-आप  को बदलने, अपनी ज़िन्दगी को और सुन्दर  बनाने और अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं को महत्व देने के बारें में अवश्य सोचें | इसके लिए एक स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं और अपने साथ  अपने आस-पास के लोगों की ज़िन्दगी में खुशियां लाने की कोशिश करें | मनुष्य की ज़िन्दगी में एक सार्थक कार्यक्रम होना जरुरी है ताकि हर काम को उसकी अहमियत मिलें इसके साथ-साथ ज़िन्दगी में सकारात्मक रहना भी बहुत जरूरी है | ऐसा करने से आपकी जीवन में तो खुशियां आएँगी ही, साथ में आपके आस-पास के लोग भी इस आनन्द का अनुभव कर सकेंगे | आपके छोटे-छोटे कदम आपके अलावा किसी और  की ज़िन्दगी में एक बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं | आप जीवन के लिए क्या दृष्टिकोण रखते हैं ये पूरी तरह आप पर निर्भर करता है, लेकिन नए साल की आरम्भ एक नयी सोच, नयी उमंग और ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए करें | अच्छा महसूस करें अच्छा होगा !


  यदि सचमुच नये साल को सार्थक करना है, तो जरूरी है कि कुछ तो ऐसे नए की शुरूआत करें कि पूरा साल अपने पिछले साल की तुलना में नया बनकर हमारे जीवन में कुछ नया जोड़े अन्यथा तो यह भी साल, जो अभी तक नया नजर आ रहा है, कुछ समय बाद पुराना पड़कर पिछले जैसा ही हो जाएगा। क्या आपको नहीं लगता अब तक हम अपनी जिन्दगी को कुछ इसी तरह आगे बढ़ा रहे थे?


वस्तुतः नये वर्ष के स्वागत का अर्थ है – एक नई चेतना, एक नया भाव, एक नया संकल्प, कुछ ऐसा नया करने की प्रतिज्ञा, जो अब तक नहीं किया और कुछ ऐसा छोड़ने का भाव कि जिसके साथ चलना मुश्किल हो गया है। ऐसा करके ही हम नए वर्ष का सच्चे अर्थों में स्वागत कर सकते हैं।


सच तो यही है कि नया वर्ष, नया संकल्प लेने का एक अवसर होता है, एक ऐसा संकल्प, जिसे हम लगातार साल भर तक निभाते रहें और जब किसी संकल्प को लगातार साल भर तक निभाया जाता है, तो वही हमारी आदत बन जाती है। यही आदत हममें कुछ इस तरह घुल-मिल जाती है कि वही हमारा व्यक्तित्व बन जाता है। इसलिए जरूरी है कि हम इस अवसर पर कोई एक या अनेक संकल्प लें। चाहे वह संकल्प कितना भी छोटा क्यों न हो।



यह संकल्प बहुत विचारपूर्वक और पूरे स्थिर मन से लिया जाना चाहिए और यदि एक बार ले लिया गया है, तो उसे किसी भी कीमत पर पूरा किया ही जाना चाहिए। इस तरह के संकल्प कई प्रकार के हो सकते हैं, जैस –


  • मैं प्रतिदिन सुबह जल्दी उठूँगा।

  • मैं दिन का प्रारम्भ ईश्वर वंदना के साथ करूंगा।

  • मैं प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट स्वस्थ्य पर दूँगा।

  • मैं प्राणीमात्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहूँगा।

  • मैं किसी भी काम को टालूँगा नहीं, बल्कि तुरन्त कर डालूँगा।

  • मैं लोगों के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व दूँगा।

  • मैं प्रतिदिन कम से कम चार घण्टे पढूँगा ही। आदि-आदि।

हम सभी अनेक प्रकार की कमजोरियों से भरे हुए होते हैं। यह दावा करना बिल्कुल गलत होगा कि ‘मेरे अन्दर कोई अवगुण नहीं है। ‘ मुझे लगता है कि नये वर्ष में हमें अपने संकल्पों में एक संकल्प यह भी जोड़ लेना चाहिए कि ‘मैं अपने किसी एक अवगुण विशेष की समाप्त करूँगा।‘  इस तरह के कुछ संकल्प निम्न हो सकते हैं –


  • मैं अपने क्रोध को नियंत्रित करूँगा।

  • मैं आलस्य से मुक्त होऊँगा।

  • मुझे अपने अन्दर के ईर्ष्या के भाव को समाप्त करना है।

  • मैं अपनी बुराइयों को नष्ट करूँगा, जैसे – सिगरेट पीना, तम्बाकू खाना, शराब पीना,मोबाइल पर अधिक समय देना आदि-आदि।

इस प्रकार सकारात्मक और नकारात्मक संकल्प आपके व्यक्तित्व को दो तरफा विकसित करने का काम करेंगे। पहला तो यह कि वे उसमें कुछ अच्छी आदतों को जोड़कर उसे चमकदार बनाएँगे। दूसरा यह कि वे उसके धब्बेदार तत्वों को हटाकर अपने व्यक्तित्व को नई आभा प्रदान करेंगे।



एक स्वस्थ्य दिनचर्या का पालन करें: स्वास्थ्य से ही भौतिक और आध्यात्मिक जीवन का लाभ उठाया जा सकता है।अपने स्वास्थ्य के बारें में सोचें और उससे सम्बंधित नियम बनाएं जिसमे अपने सभी लक्ष्यों के बारें में सोचें और उन्हें पाने के लिए तन-मन-धन से भरपूर प्रयास करें | बिस्तर को छोड़ने के साथ ही ईश्वर और अपने पूर्वजों को धन्यवाद ज्ञापित करें। फिर अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दैनिक क्रिया को करने के बाद स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्य को प्रथमिकता दे। सबसे पहले एक लक्ष्य बनाए । उदहारण के लिए आपको कुछ महीनों बाद 10 किलोमीटर दौड़ने का लक्ष्य अपने सामने रखना है तो सबसे पहले 5 मिनट रस्सी कूदने से आरंभ करें और समय को बढ़ाते जाए साथ ही छोटी दूरियों को तेज चाल के साथ तय करे, चढ़ने के लिए लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें और आप स्कूल, कालेज या ऑफिस आते-जाते समय प्रत्येक दिन 20 से 30 मिनट पैदल तेज चाल चले करें ताकि आप अपने  लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकें। आप बहुत ही साधारण और सरल लक्ष्यों के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ें | इस नियम का यदि आप पालन करते है तो आप इस क्षेत्र में नए है या पुराने कोई फर्क नहीं पड़ता।

हाँ इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि एक ही दिन में पूरे हफ्ते/ महीने या साल की कसरत करने का प्रयास कदापि  न करें |

     अगर आप  स्वस्थ्य शरीर के प्रेमी है तो अपने समक्ष  ऐसे लक्ष्य रखें जो आपको सदैव प्रेरणा देते रहें जैसे डिप्स को बढ़ाना, क्रंच बढ़ाना, बाइसेप तथा ट्राइसेप तथा कमर की चर्बी को कम करना  और फिर वर्ष के अंत तक हठ योग की कुछ कठिन क्रियाओं का दिनचर्या में शामिल होना ।

 


अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन लाना:-

अपनी ज़िन्दगी में सेवा, प्रेम, प्रसन्नता, सहृदयता  के लिए सबका कृतज्ञता व्यक्त करें: जब आप उन लोगों के प्रति कृतज्ञता  व्यक्त करते हैं जिन्होंने किसी न किसी रूप में आपकी सहायता की हो तो आप मन और मस्तिष्क से अच्छा महसूस करते हैं और आपका ज़िन्दगी को देखने की दृष्टि बदल जाती है | हर चीज़ सुंदर दिखने लगने लगती है | साथ ही साथ जिसने आपकी सहायता या सेवा की है, वो व्यक्ति भी आपकी कृतज्ञता के फलस्वरूप आपके निकट आता है।आप अपने अंदर भी सेवाभाव पैदा करे क्योंकि सेवा मोलभाव की मंडी नहीं, परमार्थ की पगडंडी है। निस्वार्थ सेवा दरअसल मानवता की पहचान है। प्रतिदिन जगने के साथ और सोने के पूर्व ईश्वर और माता-पिता और गुरु का आभार प्रकट करे।

        अपने हर दिन के लिए एक सकारात्क बात सोचें: सकारात्मक बात वह हो सकती है जो हमको हर पल जीने की सही दिशा और दशा प्रदान करती हैं और जब आप या हम  एक सकारात्मक सोच के साथ दिन की प्रारंभ करते हैं तो सकारात्मक सोच हमारे आत्मसम्मान को बढ़ावा देने के साथ कुछ अच्छा करने का साहस देता है | तो कुछ इस तरह ही हो नए वर्ष का प्रारंभ ! हर दिन एक नए विचार के साथ शुरू करें जैसे "मैं एक योग्य व्यक्ति  हूँ" या "मुझमें चुनौतियों का सामना करने की साहस हैं" "ये कार्य मुझसे जरूर होगा" ऐसी सकारात्क सोच को हमेशा अपने दिमाग में रखें और किसी भी चुनौती के सामने नतमस्तक होने की बजाय उसका डट कर सामना करें |

       ध्यान रहें हर दिन चुनी गयी सकारात्मक विचार आपकी ज़िन्दगी और परिस्थितिओं के हिसाब से होनी चाहिए जैसे अगर आपका कोई दोस्त मुसीबत में है या फिर उसे आपकी मदद की जरुरत है तो सोचें "मैं एक सच्चा और अच्छा दोस्त हूँ |"

       जब भी हो सके, नेक और अच्छे काम करें: नेक या अच्छे काम वो होतें हैं जो किसी की ज़िन्दगी में छोटी या बड़ी ख़ुशी ला सके या फिर उनकी मदद हो सके और ये काम ये सोचकर कभी न करें कि बदले में आपका क्या फायदा होगा बल्कि बिना स्वार्थी हुए बस दूसरे के जीवन में उजाला करते रहें | नए साल को एक इस पुनीत भावना से शुरू करें क्योंकि किसी के दुःख को दूर करने में जो सुख है वह किसी और चीज़ में नहीं | 

     आप किसी को दिल से सच्ची प्रशंसा दे सकते हैं, दान-पुण्य कर सकते हैं या फिर किसी अनजान को देखकर मुस्कुराने से भी दिल को अच्छा महसूस होता है | इसे व्यवहार में लाये।


    भूखे कुत्ते को बिस्कुट खिलाना, गिलहरियों को मूंगफली खिलाना,कबूतर और गौरैयों को दाना देना,भूखे व्यक्ति को खाना खिलाना , गरीब छात्रों को फीस तथा पुस्तक उपलब्ध कराना जैसे अच्छे काम भी मन और मस्तिष्क को  शांति प्रदान करते हैं |


हौसले बुलंद रखें :-

' खुदी को कर बुलंद इतना, कि हर तकदीर से पहले

 खुदा बंदे से पूछे  बता तेरी रजा क्या है'

किसी क्षेत्र में विजय पाने के लिए मजबूत उत्साह की जरूरत है। यह उत्साह आपको अपने अंदर पैदा करने होंगे तभी तो आप दूसरों की उत्साहवर्द्धन भी कर सकेंगे और जिंदगी के कड़े मुकामों को आसानी से पार कर सकेंगे।



चुनौतियों को स्वीकार करें :-

' मुश्किलें दिल के इरादें आजमाती हैं, स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती हैं,

हौसला मत हार गिरकर ओ मुसाफिर, ठोकरें इंसान को चलना सिखाती हैं।'

     जीवन में कोई भी कार्य करते हुए अगर हमारा लक्ष्य सकारात्मक और निःस्वार्थ है तो आगे बढ़ने के लिए मार्ग यूं ही आसान हो जाता है। कड़ी चुनौतियां भी फिर कुछ भी बिगाड़ नहीं सकतीं।


खुशियां देने का नियम बनाइए :-जिंदगी बहुत खूबसूरत है, मगर इसे दूसरों की जिंदगी में भी मिठास घोलते हुए बिताया जाए तो इसके मायने ही बदल जाते हैं। खुशियां देने से बढ़ती हैं, इसलिए देने का नियम बनाइए।

     छोटी-छोटी खुशियों को सहेजें :-कई बार हम बड़ी खुशियों की चाह में जीवन में आने वाली छोटी-छोटी खुशियों को नजरअंदाज कर देते हैं। मगर कभी इन छोटी-छोटी खुशियों को सहेजकर देखिए आप पाएंगे कि बड़ी खुशियां स्वतः ही आपके पास चली आएंगी।


परिवार से जुड़ें रहें :-  ' रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ों चटकाए, टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाए'

     आज की भागमभाग भरी जिंदगी में लोग लगातार परिवार से दूर होते जा रहे हैं। अगर समय मिलता भी है तो वह गिले-शिकवे में ही निकाल देते हैं। मगर यह नहीं जानते कि रिश्ते प्रेम की डोर होते हैं जिनमें गांठ पड़ने पर खुलना मुश्किल हो जाता है।



संभालकर बोलिए :-  शब्द संभालकर बोलिए,

" शब्द के हाथ न पांव रे, एक शब्द औषधि करे, एक करे है घाव रे"

शब्दों के बिना अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती। मगर इन शब्दों को कहने का तरीका भी समझना होगा, हर एक से मीठा बोलें क्योंकि गलत बोलने में तो समय नहीं लगता पर यह किसी को कितनी तकलीफ दे सकते हैं, उस पर विचार जरूरी है।


अपने आस-पास के वातावरण में सुधार लाएं:- अपने आस-पास की जगह और अपने घर को साफ़ रखें: हो सके तो नए साल के आने से पहले ही अपनी किताबें, कमरे आदि को साफ़-सुथरा करने की कोशिश करें | जब घर साफ़ होता है तो मन भी साफ़ रहता है | ऐसा सामान जो आप उपयोग नहीं करते उसे किसी जरूरतमंद को दें या खराब सामान को फेंक दें, कूड़े-कचरे को बाहर फेकें और सामान को सेट करें ताकि घर साफ़ और सुन्दर लगे | ऐसा करने से आप नए साल में साफ़-सुथरे तरीके से कदम रखें |

अपने वाहनों को भी साफ़ करने की कोशिश करें: साफ़-साफ़ शब्दों में कहा जाएँ तो अपने से जुडी हर चीज़ का ध्यान रखें और उसे साफ़ रखें क्योंकि फालतू का सामान फालतू सोच लाता है | घर में जरुरत से ज्यादा सामान रखने से मन हल्का महसूस नहीं करता | और सभी दराजों की सफाई पर थोड़ा वक़्त लगाएं |


फर्स्ट-एड किट- घर के अंदर एक फर्स्ट-एड-किट जरूर रखें। इसमें बुखार,दर्द,उल्टी, दस्त, पेट दर्द,ऐंटी एलर्जी के साथ पट्टी,रुई,पेपर टेप,सेवलान, बरनाल क्रीम आदि जरूर रखें।

टूल बॉक्स- घर के अंदर छोटे-मोटे कामों के लिए एक टूलबॉक्स जरूर रखें, जिसमें जिसमें टेस्टर, प्लास, पेंचकस,कुछ रिंच तथा टेप हो।


ज़िन्दगी के लक्ष्यों को निर्धारित करें

हर महीने किसी एक नयी चीज़ को करने का लक्ष्य रखें: अपने से जुड़े लक्ष्यों के अलावा हर महीने किसी ऐसे लक्ष्य को पाने की कोशिश करें जो आपके सुविधा क्षेत्र से बाहर हो | आप हर महीने किसी नयी चीज़ को करने का लक्ष्य रख सकते हैं या फिर कुछ चीज़ों को पाने का लक्ष्य बना सकते हैं और धीरे-धीरे उन्हें पाने की भरसक कोशिश कर सकते हैं | कुछ ऐसा करने की सोचें जो आपने पहले कभी न किया हो या आपके लिए बिल्कुल नया हो | ऐसा करने से आप ज़िन्दगी में आगे बढ़ते हैं और सफलता को पा सकते हैं | 

किसी नयी चीज़ को प्रयास करना बिल्कुल वैसा ही है जैसे आप खाने की किसी चीज़ को पहली बार खाने का प्रयास करते हैं |

आप किसी सक्रिय गतिविधियों का प्रयास कर सकते हैं जैसे नयी लैंग्वेज को सीखना, मैडिटेशन क्लास ज्वाइन करना या फिर पहाड़ी यात्रा पर जाना |

4 से 6 चीज़ों की एक लिस्ट बनाएं जो आप इस नए साल में करना चाहते हैं: साल के शुरुआत में ही एक नोटबुक लेकर उन सभी चीज़ों की सूची बनाएं जो आप पूरे साल में  करना चाहते हैं | कुछ आसान और साधारण लक्ष्य अपने सामने रखें जैसे ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां खाना या वजन कम करना | धीरे-धीरे अपनी उस लिस्ट में छोटे-छोटे लक्ष्य जोड़ते रहें और जैसे-जैसे आप लक्ष्यों को पाते जाएँ अपनी सूची में से इन्हे टिक करते जाएँ | जब आप अपने लक्ष्यों को लिखते हैं तो वह आपके सामने हमेशा रहता हैं और आपको इनकी याद दिलाता रहता है | 

इस सूची की सहायता से आपको हर महीने नयी चीज़ें प्रयास करने के बहुत से विचार मिल सकते हैं |

आप अपनी इच्छासूची  में ये सभी विचार लिख सकते हैं - जैसे-खाना पकाना सीखना,शरीर बनाना सीखना, तैराकी सीखना, टाईपिंग सीखना, कोडिंग सीखना आदि।

अपनी सोने की आदत पर भी ध्यान दें: नए साल के आने पर, ये ध्यान भी रखना जरूरी है कि आप रोजाना पूरी नींद लें और इसे एक लक्ष्य के रूप में ही देखें क्योंकि जब इंसान की नींद अधूरी रहती है तो वह पूरी तरह से अपना ध्यान काम में नहीं लगा सकता और स्वास्थय पर भी बुरा असर पड़ता है | कोशिश करें उसी रोजाना एक ही वक़्त पर सोएं और एक ही वक़्त पर उठें ताकि एक आदत बन सके | 

 

संकल्प से सम्बन्धित दिनचर्या का पालन अवश्य करें: अपनी दिनचर्या का एक प्रिंटआउट अपने बेडरूम में जरूर रखें सुबह उठने के बाद उसे देखें और संकल्प की  पुनरावृति करें यदि आपको कवि बनना है तो एक निश्चित समय पर संकल्प के अनुसार कागज और कलम लेकर बैठ जाएं और कोई भी शीर्षक लेकर कविता करें यदि आपको लेखक बनना है तो आप संकल्प के अनुसार निश्चित समय पर कागज कलम लेकर बैठे और विषय से संबंधित लेखन कार्य प्रारंभ करें  संकल्प की समय सारणी का कठोरता पूर्वक पालन करें एक बार लक्ष्य को निर्धारित करने के उपरांत उसे प्राप्त करने के लिए सतत तथा नियमबद्ध तरीके से आगे बढ़ते रहे।


नए साल की शुरुआत करें कुछ नए, आसान और चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों से:  बीतें साल में क्या हुआ इस पर गौर करें | सोचें कि आज आप कहाँ है, आपने क्या पाया और किस लक्ष्य को पाने में सफल नहीं हो पाएं | इसी बात का ध्यान रख अपने नए साल के लक्ष्यों को चुनें |

एक योजना बनाएं | एक समय सीमा के हिसाब से काम करें और देखें कि इस नए साल में आप क्या पाना चाहते हैं | ऐसे लक्ष्य सोचें जो मुमकिन हो और बिल्कुल साफ़ और सच्चे दिल से उन्हें पाने के लिए तैयारी करें |

सहयोग या सहायता लेने में कोई बुराई नहीं | एक बार अपने लक्ष्य सोचने के बाद अगर आपको उन्हें पाने में किसी की सहायता चाहिए तो झिझकने से बात नहीं बनेगी | किसी से सहायता मांगने से डरे नहीं | क्या पता किसी की थोड़ी सी सहायता आपको किसी बड़े लक्ष्य को पाने में मदद कर दे | जब आप अपनी ज़िन्दगी में बदलाव लाते हैं तो सहायता और जवाबदेही बहुत काम आती हैं |

सलाह

      अपने किसी मित्र  के साथ मिलकर इनमे से कोई लक्ष्य पूरा करें क्योंकि किसी के साथ से उबाऊ से उबाऊ काम भी मजेदार बन जाता है |


प्रमोद कुमार सिंह(प्रवक्ता)

श्री शिवदान सिंह इण्टर कॉलेज

इगलास, अलीगढ़



22 दिनों में आदत का निर्माण कैसे करे?

द स्टार्टअप

21 डे हैबिट टाइमलाइन: 21 दिन (दिन के हिसाब से दिन में एक आदत कैसे बनती है!)

एलियास स्कली

क्या 21 दिन की आदत जैसी कोई चीज होती है ? क्या नई आदत बनाने में वास्तव में केवल 21 दिन लगते हैं ?

हम सब जल्दी और अच्छी तरह से अच्छी आदतों को बनाना चाहते हैं। आदतें व्यावहारिक रूप से फायदेमंद हैं: वे काफी स्वचालित हैं; प्रदर्शन करने के लिए कोई प्रयास न करें और मूल रूप से हमें कम के साथ अधिक करने की अनुमति दें।

तो यह पूछना कि क्या 21 दिन की आदत एक मिथक है, यह पूछना एक महत्वपूर्ण सवाल है, तो क्या यह वास्तव में एक मिथक है?

1. क्या आप 21 दिनों में एक नई आदत बना सकते हैं?

अपने अनुभव के आधार पर, मैं हां कहने के लिए इच्छुक हूं। नई आदत बनाने में लगभग 21 दिन लगते हैं।

हालांकि, एक हालिया अध्ययन ने 21 दिन की आदत गठन सूत्र को एक मिथक के रूप में वर्णित किया है।फिलिप्पा लल्ली के अनुसार; यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में एक स्वास्थ्य मनोविज्ञान के शोधकर्ता, एक नई आदत आमतौर पर 2 महीने से अधिक लेती है - 66 दिन सटीक होना - और 254 दिन तक जब तक यह पूरी तरह से नहीं बन जाता।

अध्ययन 96 प्रतिभागियों के व्यवहार पर आधारित था जिन्हें एक आदत चुनने और 12 सप्ताह तक अभ्यास करने के लिए कहा गया था। प्रतिभागियों ने शोधकर्ता को बताया कि समय के साथ उनका नया व्यवहार कितना सहज हो गया। निस्संदेह, परिणाम एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के लिए अग्रणी शोधकर्ता के लिए काफी भिन्नता है कि यह दावा करने के लिए कि स्वचालितता (यानी समय के साथ नया व्यवहार कैसे महसूस किया गया) 21 दिनों की तुलना में तीन से बारह गुना अधिक समय लेता है।

इस समाचार ने व्यक्तिगत विकास समुदाय में सदमे की लहरें भेजीं और प्रत्येक व्यक्तिगत विकास ब्लॉगर को 21 दिन के फार्मूले के बारे में अपने सभी दावों को वापस लेने और इस शोध के निष्कर्षों को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया।

लेकिन मुझे अपनी शंका है।

2. 21 दिनों में एक नई आदत बनाना विल-पावर लेता है

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एक नई आदत हासिल करना, सुनिश्चित करना, पार्क में टहलना नहीं है। ज्यादातर लोग नई आदतें बनाने और रखने के साथ संघर्ष करते हैं। वे समय के साथ प्रेरणा खो देते हैं और इस प्रक्रिया में खुद को बंद पाते हैं।

मुझे तुमसे पूछना है:

  • प्रारंभिक रिसर बनने और विफल होने की कितनी बार आपने कोशिश की है?

तो ऐसा लगता है कि यह मानने में कुछ समझदारी है कि आदत बनाने की यात्रा लंबी और कठिन है और यह 21 दिनों से अधिक समय ले सकती है।

लेकिन मुझे यह भी लगता है कि हमें उन लोगों की दृष्टि नहीं खोनी चाहिए जो अपेक्षाकृत कम समय में असाधारण बाधाओं को दूर करने में कामयाब रहे। कभी-कभी यह एक व्यक्ति को धूम्रपान या पीने को रोकने और संयम हासिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण ले सकता है। यह एक व्यक्ति को हर दिन लिखने का फैसला करने के लिए एक उदाहरण ले सकता है और अंत में उसका उपन्यास लिखना समाप्त कर सकता है। स्वस्थ भोजन खाने और वजन कम करने का निर्णय लेने के लिए यह एक व्यक्ति को एक सेकंड का एक फ्लैश भी ले सकता है।

  • क्यों हम से जानने की कोशिश कर नहीं कर रहे हैं इन जो लोग प्रयोग में भाग लिया के बजाय लोगों को?

3. 21 दिवसीय आदत निर्माण गाइड

मेरा मानना ​​है कि आदत निर्माण तीन प्रमुख मानदंडों का एक कार्य है:

(१) प्रतिबद्धता का स्तर

(2) आंतरिक और बाहरी जवाबदेही

(३) आदत का आकार

3.1 21 दिनों के लिए प्रतिबद्ध एक नई आदत बनाने के लिए

यदि आप काम करने के लिए 21 दिन की आदत बनाने के लिए गाइड चाहते हैं, तो आपको यह पहचानना होगा कि नई आदत बनाना कोई आसान उपक्रम नहीं है। यह अपने आप नहीं बनेगा। और उस कारण से, आपको यह तय करना होगा कि वह आदत आपके लिए क्यों और कितनी महत्वपूर्ण है।

अपने आप से यह पूछें:

  • आपके दिन पर क्या फर्क पड़ने वाला है?

एक बार जब आप इन प्रश्नों का उत्तर दे देते हैं , तो आपको अपने उत्तर भावनात्मक रूप से आकर्षक भाषा में तैयार करने होंगे। भावनात्मक रूप से आवेशित रूप से उन्हें चित्रित करके, आप एक नया "कथा" बना रहे हैं कि आप कौन हैं। आप अपनी नई आदत में जान डाल रहे हैं।

बिस्तर पर जाने से पहले अपने आप को यह कहानी बताएं। ये मानसिक छवि मनोवैज्ञानिक गोंद बन जाती है , यदि आप ऐसा करेंगे, जो आपको और आपकी नई आदत को एक साथ रखती है। उस कहानी के बिना, आदत नहीं रहेगी।

अपने आप को पाठ्यक्रम से बाहर रखने के लिए, आपको ध्वनियों को जोड़ने से लाभ होगा, और यहां तक ​​कि गंध की संवेदनाएं और अपनी कहानी को छूने के रूप में आप इसे अपने आप को सुनाते हैं। आपको अपने आप को पहले से ही अपनी आदत का अभ्यास करने और इसके परिणामों के साथ रहने के रूप में देखना होगा। आप जल्दी उठने वाले व्यक्ति नहीं हैं, आप एक शुरुआती रिसर हैं। तुम एक धावक हो। आप एक लेखक हैं। आप धनवान हैं। होशपूर्वक अपने आप को इस तरह से पहचान कर, आप अपने आप को उन कौशल पर काम करने की मांग कर रहे हैं जो आपको वहां पहुंचने में मदद करेंगे। अपने कारणों को मजबूत और अधिक लुभावना अपनी नई आदत के लिए हैं, जितना जल्दी आप इसे प्राप्त करेंगे और यह उतना ही मजबूत होगा।

दूसरी ओर, धुंधली और अकल्पनीय कहानियों को आसानी से भुला दिया जाता है। वास्तव में, जो लोग खुद को मनोरम कहानियां नहीं बताते हैं, वे अपनी प्रेरणा को इतना खो देते हैं कि वे भूल जाते हैं कि उन्होंने पहली बार अपनी नई आदत को लेने का फैसला क्यों किया। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो कहानी उन्होंने खुद बताई थी वह नई आदत के लिए पर्याप्त नहीं थी।

3.2 21 दिनों में एक आदत से जवाबदेही योजना

यदि आप अपनी अंतरात्मा के माध्यम से आंतरिक रूप से जवाबदेह हो सकते हैं; और बाहरी रूप से एक जवाबदेही प्रणाली के माध्यम से जैसे कोच या सोशल सपोर्ट ग्रुप, तो आप उन सिस्टम की तुलना में अधिक तेज़ी से एक आदत बना सकते हैं यदि आपके पास वे सिस्टम नहीं थे, और ये सिस्टम जितने बेहतर हैं, उतने ही बेहतर परिणाम आपको मिलने वाले हैं।

जब अपने आप को जवाबदेह रखने की बात आती है, तो यह जरूरी है कि आप अपने सबसे अच्छे दोस्त बनें। आप अपने आप को ट्रैक पर बने रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं और अपने आप को यह याद दिलाना चाहते हैं कि आपने कितनी दूर की यात्रा की है। आप अपने आप को प्यार की गहरी भावना से जवाबदेह ठहराते हैं और खुद को सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए देख सकते हैं। यह अपने आप को पुलिसिंग के पारंपरिक दृष्टिकोणों से बहुत अलग है ... वे दृष्टिकोण (यदि बुद्धिमानी से उपयोग नहीं किए गए हैं) काउंटर-उत्पादक हैं और आप इस आदत को नापसंद कर सकते हैं और यहां तक ​​कि पूरी तरह से अभ्यास करना बंद कर सकते हैं।

कभी-कभी यह सब अपने दम पर करने की कोशिश करना एक वास्तविक संघर्ष हो सकता है। हमेशा हर हीरो के पीछे एक सपोर्ट ग्रुप होता है। परिवार के सदस्यों या दोस्तों को आपके ट्रैक पर रहने में मदद करने के लिए सूचीबद्ध करना आपकी यात्रा में नाटकीय अंतर ला सकता है।

हालांकि, अधिकांश लोग पेशेवर के साथ काम करना पसंद करते हैं। इस संबंध में, एक कोच एक उपयुक्त विकल्प है। एक कोच आपको सटीक सिफारिशें दे सकता है जो विशेष रूप से आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप हैं। एक निष्पक्ष पर्यवेक्षक के रूप में, एक कोच ईमानदारी से आपको बताएगा कि आप कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं और आपको क्या करना है। इसलिए यदि आप बाधाओं को दूर करने के लिए नए तरीकों और शॉर्टकटों की तलाश कर रहे हैं, तो अतीत की विफलता को आगे बढ़ाएं, और अपने लक्ष्यों को महसूस करें, फिर सही कोच के साथ काम करने से आपकी खोज में एक विशिष्ट अंतर आ सकता है।

3.3 आप जिस फॉर्म को चाहते हैं, उसका आकार निर्धारित करें

यदि आपकी लक्ष्य आदत बहुत बड़ी है; मैराथन दौड़ना पसंद है, तो आप 21 दिनों में उस आदत को हासिल नहीं करेंगे। इसी तरह, यदि आपका लक्ष्य उचित प्रशिक्षण के बिना रोजाना 2000 शब्द लिखना है, तो इसे एक स्वचालित चीज़ में बदलने में आपको लंबा समय लग सकता है।

अपनी आदतों को मिनी-आदतों में तोड़ दें । ये छोटी प्राप्त करने योग्य गतिविधियाँ हैं जो दैनिक आधार पर करना आसान है। उदाहरण के लिए, एक निश्चित शब्द गणना तक पहुंचने की कोशिश करने के बजाय हर दिन खुद को लिखने की आवश्यकता होती है । हर दिन लिखने की मिनी-आदत (भले ही आपने 50-100 शब्द लिखे हों) एक दिन में 2000 शब्दों को लिखने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ध्यान दें कि एक दिन में 50-100 शब्द लिखने की आदत से आप सहज हैं, अब आप अपने आप से एक दिन में 150-200 शब्द लिखने के लिए प्रतिबद्ध हो सकते हैं और इसी तरह जब तक आप अपने लक्ष्य लक्ष्य तक नहीं पहुँच जाते।

एक उपकरण के लिए जो आपको कम प्रयास के साथ बेहतर लिखने में मदद कर सकता है, 

यही बात दौड़ने के लिए जाती है - आपका लक्ष्य हर दिन दौड़ना चाहता है और बहुत अधिक संघर्ष के बिना ऐसा करने की इच्छा है। एक बार जब आप अपनी आदत के साथ पर्याप्त सहज हो जाते हैं और आप इसे लगातार करने में सक्षम हो जाते हैं, तो आप इसे एक पायदान ऊपर ले जा सकते हैं और उच्च लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं - जैसे हर दिन मैराथन दौड़ना - और फिर धीरे-धीरे इसे अभ्यस्त गतिविधि में बदल दें। ।

4. आदत निर्माण के लिए एक प्रभावी रणनीति

मैंने अपनी आदतों को बनाने और उन्हें स्वचालित करने में मदद करने के लिए जो रणनीति का उपयोग किया है, वह है, जिसे मैं "आदत स्नातक रणनीति" कहता हूं 

यहां, मैंने अपनी 21 दिन की यात्रा को एक नई आदत के रूप में देखने का संकल्प लिया, जो क्रमिक कार्य के रूप में हो। मेरा लक्ष्य हर एक दिन छोटी लेकिन लगातार कार्रवाई करना था और धीरे-धीरे मेरी आदत बन गई।

मेरे लिए महत्वपूर्ण बात यह थी कि मैं एक ऐसा कार्य चुनूं जिसे मैं बहुत अधिक प्रतिरोध के बिना हर एक दिन कर सकूं। मैंने कुछ छोटे से शुरुआत की। और एक बार जब मुझे इसमें महारत हासिल हो जाती है, तो मैंने चुनौती को पार कर लिया और कुछ और थोड़ा चुनौतीपूर्ण करने का संकल्प लिया। मैंने तब हर एक दिन ऐसा करने का संकल्प लिया।

इसलिए, 21 दिनों तक हर दिन 30 मिनट के लिए ट्रेडमिल पर दौड़ने का वादा करने के बजाय, पहले दिन 10 मिनट के लिए दौड़ना शुरू करें (और अगर आपको लगता है कि आप अधिक दौड़ना चाहते हैं तो खुद को संयमित करें), और अगले दिन आप 11 मिनट और 12 मिनट के बाद के दिन आदि के लिए दौड़ते हैं, 21 दिनों के भीतर आप 30 मिनट से थोड़ा अधिक समय तक दौड़ते रहेंगे। 2 महीने में, आप इस 1 मिनट की वृद्धि के परिणाम के रूप में एक घंटे के लिए चल रहे होंगे।

पोस्ट के लिए छवि
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सावधान रहें कि आप अपने आप को बहुत जल्दी चुनौती न दें। जब आप अपनी नई आदत में बढ़ जाते हैं, तो अपनी प्रगति को प्रतिबिंबित करें और चुनौती को थोड़ा बढ़ा दें।

याद रखें, हर बार जब आप चुनौती को बहुत अधिक या बहुत तेजी से बढ़ाते हैं, तो आप प्रगति नहीं करेंगे और आप प्रेरणा खो देंगे। इसलिए ऐसी चुनौती चुनें जो आपकी सीमा के भीतर हो। यदि आपके पास विशेष रूप से कठिन समय है (उदाहरण के लिए आपके रन के लिए प्रतिबद्ध है), तो आप अपना समय केवल 30 सेकंड बढ़ा सकते हैं। सेकंड और मिनट जल्दी से जोड़ देंगे और आप खुद को आश्चर्यचकित करेंगे कि यह कितना आसान और मजेदार है। याद रखें, आपको प्रगति करते रहना होगा ... मैराथन के दिन आप खुद से मैराथन दौड़ने की उम्मीद नहीं कर सकते।

5. अपने 21 दिन की आदत योजना पर क्या उम्मीद करें

यहाँ मैं अपनी 21 दिन की आदत बनाने की योजना पर अनुभव किया है। आप उन्हीं चीजों का अनुभव कर सकते हैं।

ये रहा:

5.1 दिन 1-3

यह वह जगह है जहाँ आपकी प्रेरणा सर्वकालिक उच्च पर है। उन दिनों के दौरान, आप अपनी आदत का अभ्यास करने के लिए ऊपर और परे जाते हैं। आपकी आदत इस स्तर पर दुनिया में आपकी पसंदीदा चीज है। यहीं से चुनौती मिलने लगती है।

5.2 दिन 4–10

ज्यादातर लोग 4-10 दिनों के बीच छोड़ देते हैं। क्या करें? चित्र, उद्धरण, वीडियो देखें और भावनात्मक रूप से मनोरम भाषा में अपनी नई "कहानी" बताएं। 4 से 10 दिनों का आपका कार्य कल्पना की शक्ति के साथ अपने लक्ष्यों को मजबूत करना है। एक बार जब आप 10 दिन के निशान से गुजरते हैं, तो आपकी आदत प्रदर्शन करने की चुनौती से कम हो जाएगी।

5.3 दिन 11-14

अभी तक गैस पेडल से अपने पैर को कम मत करो। इन दिनों आपका काम यह नोट करना है कि इससे आपके शरीर और आपके दिन पर क्या फर्क पड़ा है। इसके बारे में सार्वजनिक रूप से बात करें, या एक ब्लॉग शुरू करेंआप कर रहे हैं जिस तरह से 2/3 यह एक मिनी-उत्सव है।

5.4 दिन 15–20

अपने कैलेंडर को चिह्नित करना शुरू करें कि आपने अपना कोर्स पूरा करने के लिए कितने दिन छोड़ दिए हैं। हर दिन जब आप चिह्नित करेंगे, तो आप वास्तव में अच्छा महसूस करेंगे कि आप कितनी दूर निकल आए हैं। यह पाठ्यक्रम का अंतिम 1/3 है।

5.5 दिन 21 और उसके बाद

इस समय तक, आपकी आदत आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन जानी चाहिए। यहां से आपका ध्यान इस आदत को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाए रखने के दीर्घकालिक लाभों पर होना चाहिए और अगर आप इस आदत को जारी रखते हैं तो आप और क्या प्रगति कर सकते हैं।

अइसन गाँव बना दे...

अइसन गाँव बना दे...



स्वाधीनता सेनानी और हिंदी-भोजपुरी के प्रसि़द्ध जनकवि रमाकांत द्विवेदी रमता जी के गीत आ गजल

अइसन गाँव बना दे

अइसन गाँव बना देजहां अत्याचार ना रहे।
जहां सपनों में जालिम जमींदार ना रहे।

सबके मिले भर पेट दानासब के रहे के ठेकाना
कोई बस्तर बिना लंगटे- उघार ना रहे।

सभे करे मिल-जुल कामपावे पूरा श्रम के दाम
कोई केहू के कमाई लूटनिहार ना रहे।

सभे करे सब के मानगावे एकता के गान
कोई केहू के कुबोली बोलनिहार ना रहे।

- 18.3.83

हमनी साथी हईं

हमनी देशवा के नया रचवइया हईंजा।
हमनी साथी हईंआपस में भइया र्हइंजा।

हमनी हईंजा जवानराहे चलीं सीना तान
हमनी जुलुमिन से पंजा लड़वइया हईंजा।

सगरे हमनी के दल,  गांव-नगर हलचल
हमनी चुन-चुन कुचाल मेटवइया हईंजा।

झंडा हमनी के लालतीनों काल में कमाल
सारे झंडा ऊपर झंडा उड़वइया हईंजा।

बहे कइसनो बेयारनइया होइये जाई पार
हमनी देशवा के नइया के खेवइया हईंजा।

- 1.5.85

हामार सुनीं

काहे फरके-फरके बानींरउरो आईं जी।
हामार सुनींकुछ अपनो सुनाईं जी।

जब हम करींले पुकारराउर खुले ना केवांर
एकर कारन का बाआईं समुझाईं जी।

जइसन फेर में बानी हमओहले रउरो नइखीं कम
कवनो निकले के जुगुति बताईं जी।

सोचींकइसन बा ई राजकुछ त रउरो बा अंदाज
देहबि कहिया ले एह राज के दोहाई जी।

जवन सांसत अबहीं होताका-का भोगिहें नाती-पोता
एह पर रउरो तनि गौर फरमाईं जी।

अब मत फरके-फरके रहींसब कुछ संगे-संगे सहीं
संगे-संगे करीं बचे के उपाई जी।

सभे आइलरउरो आईंसंगे रोईं-संगे गाईं
हम त रउरे हईंरउरा हमार भाई जी।

त हम का करीं

क्रांति के रागिनी हम त गइबे करब
केहू का ना सोहाला त हम का करीं।
लाल झंडा हवा में उड़इबे करब
केहू जरिके बुताला त हम का करीं।

केहू दिन-रात खटलो प’ भूखे मरे
केहू बइठल मलाई से नास्ता करे।
केहू टुटही मड़इया में दिन काटता
केहू कोठा-अटारी में जलसा करे।

ई ना बरम्हा के टांकी ह तकदीर में
ई त बैमान-धूर्तन के करसाज ह।
हम ढकोसला के परदा उठइबे करब
केहू फजिहत हो जाला त हम का करीं।

ह ई मालिक नाजालिम जमींदार ह
खून सोखा हलंपट हहत्यार ह।
ह ई समराजी पूंजी के देसी दलाल
टाटा-बिड़ला हबड़का पूंजीदार ह।

ह ई इन्हने के कुकुर वफादार ह
देश बेचू हसांसद हसरकार ह।
सबके अंगुरी देखा के चिन्हइबे करब
केहू सकदम हो जाला त हम का करीं।

सौ में पंचानबे लोग दुख भोगता
सौ में पांचे सब जिनिगी के सुख भोगता।
ओही पांचे के हक में पुलिस-फौज बा
दिल्ली-पटना से हाकिम-हुकुम होखता।

ओही पांचे के चलती बा एह राज में
ऊहे सबके तरक्की के राह रोकता।
ऊहे दुस्मन हडंका बजइबे करब
केहू का धड़का समाला त हम का करीं।


बेयालिस के साथी

साथीऊ दिन परल इयादनयन भरि आइल ए साथी

गरजे-तड़के-चमके-बरसेघटा भयावन कारी
आपन हाथ आपु ना सूझेअइसन रात अन्हारी
चारों ओर भइल पंजंजलऊ भादो-भदवारी
डेग-डेग गोड़ बिछिलाइलफनलीं कठिन कियारी
केहि आशा वन-वन फिरलीं छिछिआइल ए साथी

हाथे कड़ीपांव में बेड़ीडांड़े रसी बन्हाइल
बिना कसूर मूंज के अइसनलाठिन देह थुराइल
सूपो चालन कुरुक करा के जुरुमाना वसुलाइल
बड़ा धरछने आइलबाकी ऊ सुराज ना आइल
जवना खातिर तेरहो करम पुराइल ए साथी

भूखे-पेट बिसूरे लइकासमुझे ना समुझावे
गांथि लुगरिया रनियाझुखेलाजो देखि लजावे
बिनु किवांड़ घर कूकुर पइसेले छुंछहंड़ ढिमिलावे
रात-रात भर सोच-फिकिर में आंखों नींन न आवे
ई दुख सहल न जाइ कि मन उबिआइल ए साथी

क्रूर-संघाती राज हड़पलेभरि मुंह ना बतिआवसु
हमरे बल से कुरसी तूरसुहमके आंखि देखावसु
दिन-दिन एने बढ़े मुसीबतओने मउज उड़ावसु
पाथर बोझल नाव भवंर मेंदइबे पार लगावसु
सजगे! इन्हिको अंत काल नगिचाइल ए साथी

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अंदर का शोर अच्छा है थोड़ा दबा रहे
बेहतर यही है आदमी कुछ बोलता रहे

मिलता रहे हंसी ख़ुशी औरों से किस तरह
वो आदमी जो खुद से भी रूठा हुआ रहे

बिछुडो किसी से उम्र भर ऐसे कि उम्र भर
तुम उसको ढूंढो और वो तुम्हें ढूंढता रहे


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Ok सर झुका आंसुओ को पीना आ गया होता
मुझे भी फक्र से जीना आ गया होता।

अगर वक़्ते तूफान थोड़ा ठहर जाता तो
किनारे पर हमारा भी सफीना आ गया होता।

निडर होकर जो अपनी राह चलता चला जाता
मुसीबत को भी पसीना आ गया होता।

अगर हम छोड़ देते ख्वाहिशो की बन्दगी तो
उसूलों /वादों को निभाने का तरीका आ गया होता।


जख्मो को भूल कर दर्द को मरहम बना लेेतेे
जालिम को यदि हाकिम हम बना लेते

क्या जरूरत थी हर पत्थर को परखने की
वक्त पर कोई नगीना मिल गया होता।

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दीर्घकालिक सोच: सफलता की कुंजज

दीर्घकालिक सोच: सफलता की कुंजी  अध्ययनों से पता चला है कि सफलता का सबसे अच्छा पूर्वानुमानकर्ता “दीर्घकालिक सोच” (Long-Term Thinking) है। जो ...