कोरोना काल में शिक्षा के माध्यम से मानवीय जीवन के पक्षों को जानने और उनके विकास की अभिलाषा
कीमती जिंदगी
17 सत्य जीवन और मृत्यु के
एक ही समय में जन्मे व्यक्तियों का भाग्य अलग क्यों?
दिल्ली दंगो का सबसे बड़ा गुनाहगार कौन?
तभी से अंकित शर्मा देश के दुश्मनों और भारत मे रह रहे उनके गुर्गों की निगाह में था।
26 फरवरी 2020 की तारीख को दिल्ली में *आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के घर में जमा मुस्लमानों की भीड़ नें पहले तो छत से पुलिस के ऊपर पत्थर, कांच की बोतलों में भरे ऐसिड और पैट्रोल बॉम्ब फेंके -- जब पुलिसबल बचने के किये इधर उधर हुया तो गली में छुपे कुछ मुसलमान लड़के पास में ही रहने वाले IB अधिकारी अंकित शर्मा को उसके घर से खींच के ले आये और ताहिर हुसैन के घर के अंदर खींच ले गये। अंकित के मां-बाप और परिजन चीखते रह गये क्योंकि दरवाजा बाहर से बंद कर दिया गया था।
केजरीवाल की AAP के पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन के घर के भीतर पहले तो _अंकित शर्मा को बुरी तरह पीटा गया, तेजाब से जलाया गया और फिर उसकी गर्दन को किसी बकरे की तरह हलाल तरीके से रेत दिया गया। तालिबानी सोच और तरीके से ४०० बार चाकू से शरीर पर प्रहार किये गए अंकित शर्मा के शरीर पर।
इसके बाद -- उसके शव को पास की सीवर लाईन का मेनहोल ढक्कन खोल के उसमें फेंक दिया गया ताकि शव के सड़ने पर उसकी दुर्गन्ध का पता ना चले।
अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली पुलिस के एक सिपाही को ठुल्ला कहने पर प्रभावित हो कर आम आदमी पार्टी जोइन करने वाले, मुंबई में रहने वाले AAP के सहसंयोजक मयूर पंघाल नें अंकित शर्मा की हत्या पर कहा _"गटर में मरे मिले एक ठुल्ले अंकित शर्मा की मौत पर मुझे कोई अफसोस नहीं"।
गौर तलब है कि देश के दुश्मनों नें, Islamic State of Iraq & Syria जासूसी संस्था ISI के गुर्गों नें पहले तो अंकित शर्मा की पहचान की, उसका पता ढूंडा और फिर उसके नज़दीक रहने वाले अपने एजेंट ताहिर हुसैन को उसे खत्म करने की जिम्मेदारी दी। ताहिर हुसैन नें इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी।
मोहम्मद ताहिर हुसैन, अरविंद केजरीवाल के सबसे खास सिपहसालार और दिल्ली विधानसभा के 2020 के चुनावों में सबसे बड़ी जीत दर्ज कराने वाले आम आदमी पार्टी के मुसलमान विधायक अमानुतुल्ला खां का सबसे भरोसेमंद सिपाही भी है।
अमानुतुल्ला खां वही है जिसनें मतदान से ठीक पहले शाहीन बाग में मुसलमानों की भीड़ को कहा था
_"जल्द ही देश में हर जगह शाहीन बाग बनायेंगे और मुसलमानों के खिलाफ काम करने वालों को सबक सिखायेंगे। अल्लाह उनको सजा देना चाहता है और हम मुसलमान इन काफिरों पर अल्लाह ताला का हुक्म अमल करायेंगे।
पर हाँ -- दंगा तो कपिल मिश्रा नें कराया है!!! -- दिल्ली पुलिस से शाहीन बाग, जाफराबाद की 70 से ज्यादा दिन से बंद सडकों को 3 दिन में खुलवाने की मांग पूरी ना होने पर खुद ये सडकें खुलवाने की चेतावनी देते भडकाऊ ट्वीट करके।
सदियों एक सभ्यता में साथ रहकर, एक संविधान के आधार पर चलते हुए भी रिलीजन के नाम पर ऐसी बर्बरता क्यों आ जाती है कि न्यूनतम संवेदनशीलता भी क्रूरता की अग्नि में भस्म हो जाती है ?_
भारत के 7वें अमीर व्यक्ति
विजय केडिया 35 हजार से 500 करोड़ का सफर
विजय केडिया – सफलता की कहानी–
35000 से 500 करोड़ रुपये
मार्केट मास्टर विजय केडिया मुंबई में रहनेवाले एक सफल निवेशक और ट्रेडर है। अति उत्कृष्ट मैनेजमेंट के लिए 2016 में उनको डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। वह उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो शेयर शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट में अपना करियर बनाना चाहते है।
विजय केडिया का जन्म स्टॉक ब्रोकरों के परिवार में कोलकाता में हुआ था। उनके पिता स्टॉक ब्रोकर थे। उनको बचपन से ही मार्केट में रूचि थी परंतु 1978 मे अपनें पिता के निधन के बाद परिवार का गुजारा करने के लिए वे मजबूरी में स्टॉक ब्रोकिंग के पारिवारिक व्यवसाय में लग गए और यहाँ से ही उनके शेयर मार्केट के करियर की शुरुआत हुई।
शुरुआत में कुछ साल विजय केडिया ने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करके अच्छा प्रॉफिट कमाया पर कभी-कभी उनका एक गलत ट्रेड उनकी कमाई हुई सारी पूंजी लेके जाता था। एक बार तो उनको हिंदुस्तान मोटर्स में दो-चार दिन में ही 70000 रुपये का नुकसान हुआ था, तब उनके पास उतने पैसे भी नहीं थे। तो उनकी माँ ने उन्हें अपने गहने बेचने के लिए कहा था पर अच्छी किस्मतकी वजह से उनका नुकसान जल्दी रिकवर हुआ और उन्हें गहने बेचने की जरुरत नहीं पड़ी। इस वजह से उनको ख़राब महसुस हुआ और कुछ समय के लिए उन्होंने ट्रेडिंग करना बंद कर दिया और वह चाय का मटेरियल सप्लाई करने का व्यवसाय करने लगे। पर वह भी अच्छी तरह से न चलने के कारण उन्होंने ट्रेडिंग करना वापस शुरू किया। उन्होंने ट्रेडिंग से जो सबसे बड़ा सबक सीखा, वह स्टॉप लॉस का उपयोग करना है। वे कहते है, उचित रिस्क रिवॉर्ड और स्टॉप लॉस महत्वपूर्ण है, स्टॉप लॉस के बिना एक ट्रेडर बाजार में जीवित नहीं रह सकता है। वह कई ट्रेडों में पैसा कमा सकता है, लेकिन अगर वह स्टॉप लॉस का उपयोग नहीं करता है, तो एक ही ट्रेड में सारा पैसा खो सकता है।
इस तरह शुरुआत के 10 साल ट्रेडिंग करने के बाद विजय केडिया को महसुस हुआ कि इतने साल ट्रेडिंग करने के बाद भी उन्हें कुछ भी प्रॉफिट नहीं हुआ, तो उन्होने ट्रेडिंग छोड़ने का फैसला किया और इन्वेस्टमेंट की तरफ अपना ध्यान बढ़ाया। उन्होंने सक्सेसफुल निवेशक के बारे में पढ़ा और निवेश करने का फैसला किया। उन्होंने कंपनी के फंडामेंटल को सीखना शुरू कर दिया।
1989 में वह कोलकाता छोड़कर मुंबई आए और किराए के घर पर रहने लगे। उनके पास निवेश करने के लिए सिर्फ 35,000 रुपये थे। उन्होंने खुद से रिसर्च करके पंजाब ट्रैक्टर्स स्टॉक चुना और उस स्टॉक में सभी 35,000 का निवेश किया। 3 साल में स्टॉक 6 गुना बढ़ गया और उनका 35,000 के 2,10 000 रुपये हो गये। उन्होंने पंजाब ट्रैक्टर्स से जो कुछ पैसा बनाया, वह सब उन्होंने 1992 में एसीसी में Rs.300 की कीमत पर निवेश किया। यह स्टॉक ने पहले वर्ष कुछ बढ़ा नहीं पर दूसरे वर्ष हर्षद मेहता बुल रन के कारण यह 10 गुना बढ़कर Rs.3000 तक पहुँच गया। उन्होंने एसीसी के सारे शेयर बेच कर उन पैसे से मुंबई में एक अपार्टमेंट खरीदा।
एजिस लॉजिस्टिक्स शेयर विजय केडिया ने Rs.20 में ख़रीदे, अपने करियर में पहली बार उन्होंने किसी कंपनी में 5% हिस्सेदारी खरीदी थी। शेयर अगले एक साल तक ज्यादा नहीं चला। हालांकि, बाद में बाजार को स्टॉक की क्षमता का एहसास हुआ और कुछ ही समय में शेयर 300 रुपये तक पहुंच गया, जिससे विजय केडिया को 15x का रिटर्न मिला। इस तरह 2004-05 के दौरान, उन्होंने कई मल्टी-बैगर शेयरों को चुना जिससे उन्हें अगले 10-12 वर्षों में 1,000% से अधिक का रिटर्न मिला। इन कुछ शेयरों में अतुल ऑटो, एजिस लॉजिस्टिक्स और सेरा सेनेटरी वेयर थे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई कंपनियों में सफल निवेश किया।
विजय केडिया का मानना है कि एक निवेशक में तीन गुण होने चाहिए।
1. ज्ञान: गुणवत्ता के शेयरों का पता लगाने के लिए ज्ञान। इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए पढ़ना जरूरी है, और पढ़ने का कोई शॉर्टकट नहीं है। यदि किसी को पढ़ने की आदत नहीं है, तो वह एक सफल निवेशक नहीं हो सकता है।
2. साहस: इक्विटी जोखिमपूर्ण संपत्ति हैं जहां आप अपनी पूरी पूंजी खो सकते हैं। हमेशा पैसा खोने का डर रहता है। यह डर लोगों को बाजार में निवेश करने से रोकता है और जब वे निवेश करते हैं तो वे कम राशि में निवेश करते हैं। वह कहते हैं कि जब आपको निवेश करने में कुछ अच्छा लगता है, तो आपको इसमें एक सार्थक राशि का निवेश करना चाहिए।
3. धैर्य: धैर्य एक महत्वपूर्ण गुण है जो एक निवेशक के पास होना चाहिए। स्टॉक्स को प्रदर्शन करने में कई साल लग सकते हैं। जब स्टॉक सालों तक चुप रहे तो आपको धैर्य नहीं खोना चाहिए। विजय कहते हैं कि निवेशकों के पास कम से कम 5 साल के लिए स्टॉक रखने का धैर्य होना चाहिए।
विजय केडिया “केडिया सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड” के मालिक है। वह कई लिस्टेड कंपनियों में प्रमोटर भी है। जानकारों के हिसाब से आज उनका पोर्टफोलिओ का साइज 500 करोड़ से भी ज्यादा है।
अपने लक्ष्य पर ध्यान
♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️ ! अपने लक्ष्य पर ध्यान ! एक बार की बात है। एक तालाब में कई सारे मेढ़क रहते थे। उन मेढ़कों में एक राजा मेंढ...
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