मेरे मुल्क में अम्नो अमा है

अम्नो अमा है
       ------------------
जीना अब दुश्वार है भाई ,
कुछ कहना बेकार है भाई।।

तुम मानो या न मानो कुछ,
कुई साजिश तैयार है भाई।।

कागज़ पर हो रही तरक्की
नया कोई व्यापार है भाई ।।

तड़प रहे हैं बिना दवा बेड,
यूँ  चल रहा उपचार है भाई।।

मूसा मुल्क में अम्नो अमा है,
हमको भि स्वीकार है भाई।।
       ---- ---
( मूसा खान अशान्त बाराबंकवी)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दीर्घकालिक सोच: सफलता की कुंजज

दीर्घकालिक सोच: सफलता की कुंजी  अध्ययनों से पता चला है कि सफलता का सबसे अच्छा पूर्वानुमानकर्ता “दीर्घकालिक सोच” (Long-Term Thinking) है। जो ...